TRAI Says Telecom Operators Have To Refund Overcharged Amount To Users In Three Months

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Overcharged amount by Telcos: TRAI के नए नियम के मुताबिक, हर टेलीकॉम कंपनी को साल में एक बार अपने मीटरिंग और बिलिंग सिस्टम को भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के द्वारा तय किए गए ऑडिटर्स से चेक करवाना होगा. ऑडिट के दौरान यदि किसी कंपनी ने ग्राहकों से ज्यादा पैसा वसूला है तो ऑडिटर को इस बात को हाईलाइट कर कंपनी को बताना होगा और संबधित कंपनी को ऑडिट डेट के 3 महीने के भीतर ग्राहकों को उनका पैसा लौटना होगा. नया नियम भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण ( ट्राई ) द्वारा 11 सितंबर को अधिसूचित सेवा की गुणवत्ता नियम 2023 का हिस्सा है.

इसके अलावा ट्राई ने कहा कि प्रत्येक LSA का वित्तीय वर्ष में केवल एक बार ऑडिट किया जाएगा, जबकि इससे पहले पुराने नियमो के चलते 4 बार ऑडिट किया जाता है. TRAI के नए नियम से कंपनियों का ऑडिट बोझ लगभग 75 प्रतिशत तक कम हो जाएगा. ऑडिट प्रोसेस को सरल बनाते हुए TRAI ने ये भी सुनिश्चित किया है कि इसमें अधिकतम टैरिफ प्लान्स कवर हो, इससे पहले केवल 15 सबसे लोकप्रिय टैरिफ प्लान्स के ऑडिट का प्रावधान था जिससे कम संख्या  सब्सक्रिप्शन वाले अच्छे प्लान्स छूट जाते थे.   

एक्शन रिपोर्ट न देने पर 50 लाख का जुर्माना 

हर टेलीकॉम कंपनी को अपनी सालाना एक्शन रिपोर्ट TRAI को जमा करनी होगी. यदि कोई रेगुलेटर ऐसा नहीं करता है तो उसपर TRAI 50 लाख रुपयों तक का फाइन लगा सकती है. इसके अलावा, प्रत्येक टेलीकॉम कंपनी को हर साल 15 अप्रैल तक ऑडिट का अपना वार्षिक कार्यक्रम TRAI को जमा करना होगा जिसमें ऑडिट किए जाने वाले बिलिंग सिस्टम और लाइसेंस प्राप्त सेवा क्षेत्रों (एलएसए) का विवरण शामिल होगा. 

ऑडिट के 1 हफ्ते के भीतर देनी होगी जानकारी 

मीटरिंग और बिलिंग सिस्टम के ऑडिट के दौरान यदि ऑडिटर को ऐसा लगता है कि कंपनी ने ग्राहकों से ज्यादा पैसा लिया है तो उसे कंपनी को 1 हफ्ते के भीतर इस बात की जानकारी देनी होगी और कंपनी को 3 महीने के अंदर ग्राहकों को पैसा लौटाना होगा. यदि ऑडिटर जानकारी देने में देरी करते हैं तो इस स्थिति में टेलीकॉम कंपनियों पर कार्रवाई नहीं की जाएगी. हालांकि उन्हें पैसा जानकारी मिलने के बाद जरूर लौटना होगा. 

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