<p style="text-align: justify;"><strong>Apple Mercenary Spyware:</strong> एप्पल ने दुनियाभर के यूज़र्स को एक स्पेशल नोटिफिकेशन भेजकर एक ग्लोबल वॉर्निंग जारी की है. एप्पल ने भारत समेत पूरी दुनिया के 92 देशों में मौजूद एप्पल यूज़र्स को मर्सिनरी स्पाईवेयर अटैक की चेतावनी दी है. इसे आसान भाषा में समझें तो एप्पल का डिवाइस यूज़ करने वाले यूज़र्स के डिवाइस पर साइबर अटैक हो सकता है.</p>
<h2 style="text-align: justify;"><strong>स्पाइवेयर क्या होता है?</strong></h2>
<p style="text-align: justify;">आप सभी के मन में यह सवाल उठ रहा होगा कि मर्सिनरी स्पाइवेयर क्या है. दरअसल, स्पाइवेयर एक सॉफ्टवेयर पीस है जो गुप्त तरीके से आपके डिवाइस में जाता है और फिर आपके बारे में डेटा इकट्ठा करता है और आपके डिवाइस पर साइबर अटैक करने के लिए आपकी गोपनीय जानकारी शेयर करता है.</p>
<p style="text-align: justify;">यह आपके लॉगिन क्रेडेंशियल, फाइनेंशियल डिटेल्स, ईमेल-संबंधित डिटेल्स और यहां तक कि आपके कीबोर्ड स्ट्रोक से भी सब कुछ कैप्चर कर लेता है. कुल मिलाकर स्पाइवेयर साइबर अटैक किसी भी इंसान को कंगाल बना सकता है.</p>
<h2 style="text-align: justify;"><strong>मर्सिनरी स्पाइवेयर अटैक क्या है?</strong></h2>
<p style="text-align: justify;">मर्सिनरी स्पाइवेयर एक खास तरह का स्पाइ सॉफ्टवेयर है, जो स्पेसिफिक यूज़र्स को ही टारगेट करता है और उसके बारे में पूरी जानकारी हासिल करने की कोशिश करता है, जैसे वो कौन है, क्या करते हैं आदि. एप्पल के मुताबिक ऐसे साइबर अटैक आम साइबर अटैक की तुलना में ज्यादा खतरनाक होते हैं.</p>
<p style="text-align: justify;">इसका टारगेट बहुत कम संख्या में कुछ खास लोग और उनके डिवाइस ही होते हैं. मर्सिनरी स्पाइवेयर अटैक करने में करोड़ों रुपये खर्च होते हैं, और उनकी शेल लाइफ भी कम होती है. इस कारण से उनका पता लगाना और रोकना बहुत कठिन हो जाता है. ऐसे हमले का एक उदाहरण एनएसओ (NSO) समूह द्वारा पेगासस (Pegasus) का उपयोग करना है.</p>
<h2 style="text-align: justify;"><strong>इस हमले में क्या हो रहा है?</strong></h2>
<p style="text-align: justify;">इस मामले में, एप्पल ने भारत के आईफोन यूज़र्स के लिए एक नोटिफिकेशन जारी किया है, जो उन्हें एक साइबर अटैक के बारे में सचेत करती है. इस साइबर अटैक के जरिए साइबर क्रिमिनल्स एप्पल आईडी से जुड़े आईफोन को दूर बैठे यानी रिमोटली ही अटैक करने की कोशिश कर रहे हैं.</p>
<p style="text-align: justify;">अगर कोई यूज़र्स वेब पर अपनी एप्पल आइडी में लॉग-इन करते है, तो पेज के बिल्कुल टॉप पर इस खतरे का नोटिफिकेशन दिख रहा है. इसके अलावा एप्पल ईमेल और आईमैसेज नोटिफिकेशन का यूज़ करने वाले यूज़र्स को भी सूचित कर रहा है.</p>
<h2 style="text-align: justify;"><strong>एप्पल से ऐसा नोटिफिकेशन मिलने पर क्या करें?</strong></h2>
<p style="text-align: justify;">एप्पल ने सभी यूज़र्स को सुझाव दिया है कि जिन भी यूज़र्स को ऐसा नोटिफिकेशन मिला है, वो जल्द से जल्द एप्पल की रेपिड-रिस्पॉन्स इमरजेंसी सिक्योरिटी टीम से संपर्क करें, जो डिजिटल सुरक्षा हेल्पलाइन 24×7 द्वारा सहायता प्रदान की जाती है. एप्पल डिवाइस यूज़र्स डिजिटल सिक्योरिटी हेल्पलाइन की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर एप्पल की सिक्योरिटी टीम से संपर्क कर सकते हैं.</p>
<h2 style="text-align: justify;"><strong>स्पाइवेयर अटैक से बचने के लिए क्या करें?</strong></h2>
<ul style="text-align: justify;">
<li>अपने डिवाइस को पासकोड की मदद से प्रोटेक्ट करें.</li>
<li>कम समय के अंतराल पर अपने डिवाइस के पासकोड को बदलते रहें.</li>
<li>Apple ID के लिए टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन और एक स्ट्रॉग पासवर्क का इस्तेमाल करें.</li>
<li>ऐप स्टोर से ऐप इंस्टॉल करें. किसी भी थर्ड पारी ऐप स्टोर से ऐप्स डाउनलोड या इंस्टॉल ना करें.</li>
<li>ऑनलाइन माध्यमों में हमेशा बेहद मजहूत और यूनिक पासवर्ड लगाएं.</li>
<li>किसी भी अनजान व्यक्ति द्वारा भेजे गए किसी भी लिंक या अटैचमेंट को क्लिक ना करें.</li>
</ul>
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