<p style="text-align: justify;"><strong>Online Gaming Addiction:</strong> आज के डिजिटल युग में, ऑनलाइन गेमिंग एक लोकप्रिय मनोरंजन का साधन बन गया है. पिछले कुछ सालों में भारत में भी ऑनलाइन गेम्स की लोकप्रियता ने आसमान छुए हैं. हालांकि, इसके कई नकारात्मक प्रभाव भी होते हैं, दिन-प्रतिदिन सामने आ रहे हैं. </p>
<h2 style="text-align: justify;"><strong>ऑनलाइन गेमिंग में हारे 96 लाख</strong></h2>
<p style="text-align: justify;">भारत में ऑनलाइन गेमिंग की बढ़ती लोकप्रियता के बीच, एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है, जिसने पूरे देश को चौंका दिया है. यह कहानी बिहार के बेहतरीन छात्र हिमांशु मिश्रा की है. हिमांशु मिश्रा की उम्र सिर्फ 22 साल है, लेकिन वो गेमिंग की लत के कारण 96 लाख रुपये के गहरे कर्ज में डूब गए हैं. अब हिमांशु के परिवार ने भी उनका साथ छोड़ दिया है. यहां तक कि उनकी मां भी उनसे बात तक नहीं करती है. यह घटना न केवल हिमांशु और उनके परिवार के लिए एक बड़ा झटका है, बल्कि यह हमें गेमिंग की लत के खतरों के बारे में भी सोचने पर मजबूर करती है.</p>
<p style="text-align: justify;">एक यूट्यूबर शालिनी कपूर तिवारी की पॉडकास्ट पर बात करते हुए हिमांशु ने खुद अपनी इस परेशानी के बारे में विस्तृत जानकारी दी है. इसके बारे में बात करते-करते वो फूट-फूट कर रोने लगे. आइए हम आपको हिमांशु की इस दुखद कहानी के बारे में बताते हैं और अंत में आपको यह भी बताएंगे कि कैसे आप इस तरह की खतरनाक गेमिंग लत से बच सकते हैं.</p>
<h2 style="text-align: justify;"><strong>JEE में आए थे 98% अंक</strong></h2>
<p style="text-align: justify;">हिमांशु मिश्रा बिहार के रहने वाले हैं और एक होनहार छात्र हैं. उन्होंने आईआईटी जेईई में 98% अंक प्राप्त किए थे, जिससे उनके परिवार को उनपर काफी गर्व था. इससे हमें यह भी समझ आता है कि वह कोई अनपड़ नहीं हैं. वह काफी पढ़े-लिखे हैं, लेकिन फिर भी ऑनलाइन गेमिंग के एक बेहद बुरी लत ने उनका तत्कालीन जीवन बर्बाद कर दिया है. </p>
<p style="text-align: justify;">जेईई की परीक्षा में शानदार प्रदर्शन करने के बाद हिमांशु ने शुरुआत में सिर्फ मनोरंजन के लिए ऑनलाइन गेमिंग का हाथ थामा था. उन्होंने सिर्फ 49 रुपये के छोटी रकम से गेम्स खेलना शुरू किया था, लेकिन धीरे-धीरे उनकी यह लत बढ़ती गई और उन्होंने सट्टेबाजी वाले ऐप्स पर गेम्स खेलना शुरू कर दिया.</p>
<p style="text-align: justify;">हिमांशु ने अपने माता-पिता से छुपाकर अपने खाते से पैसे निकालकर गेमिंग में लगाने शुरू कर दिए. उनकी लत इतनी बढ़ गई कि उन्होंने अपने दोस्तों और रिश्तेदारों से भी पैसे उधार लेने शुरू कर दिए. यहां तक कि उन्होंने अपनी पढ़ाई की फीस में गेमिंग वाले जुओं में गवां दिए. उनकी गेमिंग की लत ने उनके परिवार की आर्थिक स्थिति को भी प्रभावित करना शुरू कर दिया.</p>
<h2 style="text-align: justify;"><strong>माता-पिता समेत पूरे परिवार ने किया त्याग</strong></h2>
<p style="text-align: justify;">हिमांशु की गेमिंग लत ने सिर्फ हिमांशु को ही नहीं बल्कि उनके परिवार को भी कर्ज में डालना शुरू कर दिया, लेकिन उसके बाद हिमांशु के परिवार ने उनका त्याग कर दिया. हिमांशु की मां, पिता, भाई आदि सभी सदस्यों न सिर्फ उन्हें घर से दूर कर दिया बल्कि उनसे बात तक करनी बंद कर दी.</p>
<p style="text-align: justify;">हिमांशु की मां ने अदालत में एक हलफनामा दाखिल कर उन्हें त्याग दे दिया. हिमांशु ने बताया कि उनके पिता ने उनसे कहा था, "तुमने मुझे इतना बर्बाद कर दिया है कि जब मैं मरने के कगार पर होऊंगा, तब भी पानी देने मत आना. अब हिमांशु के पास रोने के अलावा खोने के लिए कुछ भी नहीं बचा है. </p>
<p style="text-align: justify;">हिमांशु की इस कहानी से हमें गेमिंग लत के खतरों के बारे में पता चलता है. उनकी कहानी एक उदाहरण है कि कैसे ऑनलाइन गेमिंग की लत युवाओं की जिंदगी बर्बाद कर सकती है. हिमांशु ने अपनी पढ़ाई के पैसे गंवाए, रिश्तों को नष्ट किया और यहां तक कि माता-पिता ने कानूनी रूप से त्याग कर दिया.</p>
<h2 style="text-align: justify;"><strong>गेमिंग की लत के खतरे</strong></h2>
<p style="text-align: justify;">हिमांशु की कहानी हमें गेमिंग की लत के खतरों के बारे में सोचने पर मजबूर करती है. ऑनलाइन गेमिंग में कई खतरे होते हैं, जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं:</p>
<ul>
<li style="text-align: justify;"><strong>आर्थिक नुकसान:</strong> गेमिंग में पैसे लगाने से आर्थिक नुकसान हो सकता है.</li>
<li style="text-align: justify;"><strong>मानसिक स्वास्थ्य:</strong> गेमिंग की लत से मानसिक तनाव, अवसाद और चिंता हो सकती है.</li>
<li style="text-align: justify;"><strong>सामाजिक और परिवार अलगाव:</strong> गेमिंग की लत से सामाजिक और पारिवारिक अलगाव हो सकता है.</li>
<li style="text-align: justify;"><strong>शिक्षा और करियर पर प्रभाव:</strong> गेमिंग की लत से शिक्षा और करियर पर भी प्रभाव पड़ सकता है.</li>
</ul>
<h2 style="text-align: justify;"><strong>ऑनलाइन गेमिंग में समाज और सरकार की भूमिका</strong></h2>
<p style="text-align: justify;">ऐसा नहीं है कि ऑनलाइन गेमिंग से पैसे हारने पर पूरी गलती सिर्फ हिमांशु या हिमांशु जैसे अन्य गेमर्स की है, जो आय दिन हजारों, लाखों रुपये हारते हैं. इसमें हमारे समाज और सरकार की भी भूमिकाएं हैं. टीवी से लेकर अख़बार और रेडियो से लेकर सोशल मीडिया तक हर जगह ऑनलाइन गेमिंग के विज्ञापनों की भरमार होती है. हर रोज ऑनलाइन गेमिंग के सैकड़ों या हजारों विज्ञापन दिखाए जाते हैं, जिससे ऐसे खतरनाक गेमिंग को बढ़ावा मिलता है और हिमांशु जैसे युवा इसके चपेट में आ जाते हैं. </p>
<p style="text-align: justify;">सरकार को इसके खिलाफ सख्त कदम उठाने की जरूरत है और समाज में हर परिवार को अपने बच्चों पर सख्त ध्यान देने की जरूरत है ताकि वक्त रहते उन्हें इस तरह की बुरी और खतरनाक लत से बचाया जा सके.</p>
<p style="text-align: justify;">गेमिंग की लत से निपटने के लिए हमें जागरूकता और सावधानी की आवश्यकता है. हमें अपने बच्चों और युवाओं को गेमिंग की लत के खतरों के बारे में शिक्षित करना चाहिए और उन्हें स्वस्थ और संतुलित जीवनशैली की ओर प्रेरित करना चाहिए.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>यह भी पढ़ें: </strong></p>
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ऑनलाइन गेमिंग से 96 लाख रुपये के कर्ज में डूबा JEE का छात्र, मां-बाप, भाई सभी ने किया त्याग
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