<p style="text-align: justify;"><strong>Chinese Hackers Breach US Telecom Firms:</strong> चीन के हाई-स्किल्ड हैकर्स ने अमेरिका को सदमे में ला दिया है. दरअसल, चीन की सरकार से जुड़े हैकर्स के एक हाई-स्किल्ड ग्रुप ने अमेरिका की कई टेलीकॉम कंपनियों में सेंध मारी है. इससे अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा पर कई सवाल खड़े हो गए हैं.</p>
<p style="text-align: justify;">सीएनएन की एक लेटेस्ट रिपोर्ट में इस ख़बर की जानकारी दी गई है. सीएनएन को इस मामले से अवगत कराए गए कई सूत्रों ने बताया कि चीन के हैकर्स ने कई अमेरिकी टेलीकॉम फर्म्स में प्रवेश किया है. हैकर्स ने शायद संवेदनशील जानकारियों की खोज में सेंधमारी की है, जो राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी हो सकती है.</p>
<h2 style="text-align: justify;"><strong>निशाने पर प्रमुख कंपनियां </strong></h2>
<p style="text-align: justify;">अमेरिकी जांचकर्ताओं का मानना है कि हैकर्स ने वायरटैप वारंट अनुरोधों तक पहुंच प्राप्त की हो सकती है, हालांकि अधिकारी अभी तक यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि हैकर्स ने कौन सी जानकारी हासिल की है. जांचकर्ताओं का मानना है कि एटी एंड टी, वेरिज़ोन और लुमेन जैसी प्रमुख ब्रॉडबैंड और इंटरनेट प्रदाताओं को निशाना बनाया गया है.</p>
<h2 style="text-align: justify;"><strong>चिंता में आई अमेरिकी एजेंसियां</strong></h2>
<p style="text-align: justify;">अमेरिकी अधिकारियों को इस हैकिंग से होने वाले संभावित राष्ट्रीय सुरक्षा नुकसान की चिंता सता रही है, जिसे उन्होंने हाल ही में खोजा है. यह घटना अमेरिकी संघीय एजेंसियों को लक्षित करने वाले लेटेस्ट हैक में से एक है, जिसे जांचकर्ताओं ने चीन से जोड़ा है. यह सब तब हुआ जब वाशिंगटन और बीजिंग के बीच साइबर-जासूसी और अन्य उच्च-दांव वाली राष्ट्रीय सुरक्षा मुद्दों पर तनाव चल रहा है.</p>
<h2 style="text-align: justify;"><strong>कंपनियों की प्रतिक्रिया</strong></h2>
<p style="text-align: justify;">फिलहाल, एटी एंड टी, वेरिज़ोन और लुमेन ने इस घटना पर सार्वजनिक रूप से कोई टिप्पणी नहीं की है. हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि यह कंपनियों के लिए एक बड़ा झटका है और उन्हें अपनी सुरक्षा प्रणालियों को और भी मजबूत करना होगा.</p>
<h2 style="text-align: justify;"><strong>राष्ट्रीय सुरक्षा पर प्रभाव</strong></h2>
<p style="text-align: justify;">यह घटना न केवल कंपनियों के लिए बल्कि अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी एक बड़ी चुनौती साबित हो सकती है. अमेरिकी अधिकारियों को चिंता है कि अगर यह संवेदनशील जानकारी गलत हाथों में चली गई, तो इसका गंभीर प्रभाव हो सकता है.</p>
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