<p style="text-align: justify;">फेसबुक का नाम सुनते ही हमारे दिमाग में पहला ख्याल क्या आता है? अपने दोस्तों और परिवार से जुड़ने, उनकी पोस्ट्स पर कमेंट करने, और अपनी जिन्दगी के खास पल शेयर करने का. लेकिन अब यही फेसबुक का उद्देश्य बदल चुका है. हाल ही में मेटा के सीईओ, मार्क जकरबर्ग ने खुद माना कि अब फेसबुक का मुख्य मकसद ‘दोस्तों से जुड़ने’ का नहीं, बल्कि यह एक ‘मनोरंज’ का प्लेटफॉर्म का बन गया है. </p>
<p style="text-align: justify;"><strong>फेसबुक का पुराना उद्देश्य अब नहीं है</strong></p>
<p style="text-align: justify;">जकरबर्ग ने एक संघीय एंटीट्रस्ट केस के दौरान यह बात मानी कि फेसबुक का पहले जो उद्देश्य था, ‘आपके जीवन में लोगों से जुड़ने और साझा करने’, अब वह प्रायॉरिटी नहीं रही. पहले फेसबुक का फोकस लोगों को एक-दूसरे से जोड़ने और व्यक्तिगत संबंधों को बढ़ावा देने पर था. लेकिन अब यह प्लेटफॉर्म एक कंटेंट मशीन बन चुका है, जो ज्यादा से ज्यादा यूजर्स को जोड़े रखने के लिए एआई द्वारा क्यूरेटेड फीड दिखाता है, ताकि ज्यादा से ज्यादा विज्ञापन दिखाए जा सकें.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>मनोरंजन और विज्ञापनों का नया दौर</strong></p>
<p style="text-align: justify;">अब फेसबुक का प्लेटफॉर्म ज्यादा से ज्यादा लोगों को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए मनोरंजन के क्षेत्र में बदल चुका है. इसका मतलब यह है कि फेसबुक पर अब जो कंटेंट दिखाए जाते हैं, वे ज्यादातर विज्ञापनों और मनोरंजन से जुड़े होते हैं, बजाय इसके कि लोग सिर्फ अपने दोस्तों से जुड़ने के लिए यहां आएं. जकरबर्ग ने यह स्वीकार किया कि यह बदलाव फेसबुक के उद्देश्य को पूरी तरह से बदल देता है.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>एंटीट्रस्ट मुकदमे के चलते बदलाव</strong></p>
<p style="text-align: justify;">यह बदलाव मेटा और फेसबुक के लिए एक मुश्किल समय में हुआ है. फिलहाल मेटा पर एक बड़े एंटीट्रस्ट मुकदमे की सुनवाई चल रही है, जिसमें अमेरिकी संघीय व्यापार आयोग (FTC) ने मेटा पर आरोप लगाया है कि उसने अपने प्रतिद्वंद्वियों को खरीदने की बजाय, उन्हें मुकाबला करने की बजाय खरीद लिया. </p>
<p style="text-align: justify;">अब FTC को यह साबित करना है कि मेटा ने इन अधिग्रहणों से अमेरिकी एंटीट्रस्ट कानूनों का उल्लंघन किया है, लेकिन जज ने इस पर संदेह भी जताया है कि क्या FTC का तर्क मजबूत है या नहीं. इस मुकदमे के दौरान जकरबर्ग ने यह स्वीकार किया कि फेसबुक का उद्देश्य अब पहले जैसा नहीं रहा, और प्लेटफॉर्म का नया रूप स्पष्ट हो गया है.</p>
'फेसबुक अब नहीं रहा दोस्तों से जुड़ने का प्लैटफॉर्म', जानें मार्क जकरबर्ग ने ऐसा क्यों कहा?
Related articles