ऑपरेशन सिंदूर: सैटेलाइट तस्वीरों में दिखा आतंक के ठिकानों का विनाश, कैसे होती है ये तस्वीर कैप्चर

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<p style="text-align: justify;">भारत की तरफ से हाल ही में की गई बड़ी सैन्य कार्रवाई ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सैटेलाइट तस्वीरें सामने आई हैं. ये तस्वीरें साफ दिखाती हैं कि पाकिस्तान और पाकिस्तान-अधिकृत कश्मीर (PoK) में मौजूद कई आतंकवादी ठिकाने पूरी तरह से तबाह हो गए हैं. इस ऑपरेशन में भारत ने आतंकवाद के खिलाफ बड़ी और सटीक कार्रवाई की, जिसकी पुष्टि अब अंतरराष्ट्रीय सैटेलाइट इमेज कंपनी ‘मैक्सार टेक्नोलॉजीज’ की जारी की गई तस्वीरों से हो रही है.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>क्या दिख रहा है तस्वीरों में?</strong></p>
<p style="text-align: justify;">सैटेलाइट से ली गई इन हाई-रिजॉल्यूशन तस्वीरों में दो प्रमुख ठिकानों मारकज सुब्हान अल्लाह (बहावलपुर) और मारकज तैयबा (मुरिदके) की हालत पहले और बाद में साफ नजर आ रही है. जहां पहले इन जगहों पर बड़ी-बड़ी इमारतें, ट्रेनिंग सेंटर और लॉजिस्टिक फैसिलिटी मौजूद थीं, वहीं अब वहां सिर्फ टूटी छतें, गड्ढे और मलबा बचा है.</p>
<p><br /><img style="display: block; margin-left: auto; margin-right: auto;" src=" /></p>
<p style="text-align: justify;">विशेषज्ञों के मुताबिक, हमले इतने सटीक थे कि सिर्फ टारगेटेड इमारतें ही तबाह हुईं, आसपास की आम आबादी या ढांचे को नुकसान नहीं पहुंचाया गया। यह दिखाता है कि भारतीय सेना ने बेहद सोच-समझकर कार्रवाई की.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>कौन-कौन से ठिकाने थे निशाने पर?</strong></p>
<ul>
<li style="text-align: justify;">1. मारकज सुब्हान अल्लाह (बहावलपुर)- यह जैश-ए-मोहम्मद (JeM) का मुख्य ठिकाना था. यहीं से आतंकी हमलों की योजना बनाई जाती थी. पुलवामा हमले के पीछे भी इसी सेंटर का हाथ बताया गया था.</li>
<li style="text-align: justify;">2. मारकज़ तैयबा (मुरिदके) &ndash; यह लश्कर-ए-तैयबा (LeT) का बड़ा ट्रेनिंग कैंप था. यहां 2008 के मुंबई हमले के आतंकी अजमल कसाब जैसे लोगों को ट्रेनिंग दी गई थी.</li>
<li style="text-align: justify;">इसके अलावा मुजफ्फराबाद, कोटली, रावलकोट, नीलम वैली जैसे कई और ठिकानों पर भी हमला किया गया.</li>
</ul>
<p><br /><img style="display: block; margin-left: auto; margin-right: auto;" src=" /></p>
<p style="text-align: justify;"><strong>क्यों हुआ ऑपरेशन?</strong></p>
<p style="text-align: justify;">22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के <a title="पहलगाम" href=" data-type="interlinkingkeywords">पहलगाम</a> में एक बड़ा आतंकी हमला हुआ था, जिसमें 25 लोग मारे गए थे. भारत ने इस हमले का जिम्मेदार पाकिस्तान में बैठे आतंकी संगठनों को ठहराया. इसके जवाब में ही यह ऑपरेशन शुरू किया गया.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>ऑपरेशन कैसे हुआ?</strong></p>
<ul>
<li style="text-align: justify;">भारत ने इस कार्रवाई में एयर लॉन्च क्रूज मिसाइल, ड्रोन (जो टारगेट से टकरा कर खुद को उड़ा लेते हैं) और लंबी दूरी की तोपों का इस्तेमाल किया.</li>
<li style="text-align: justify;">नौ जगहों पर एक साथ हमले किए गए</li>
<li style="text-align: justify;">चार हमले सीधे पाकिस्तान के अंदर और बाकी पाकिस्तान-अधिकृत कश्मीर में किए गए</li>
<li style="text-align: justify;">इस दौरान पाकिस्तान की सेना को नुकसान नहीं पहुंचाया गया, जिससे यह कार्रवाई &lsquo;गैर-उत्तेजक&rsquo; यानी गैर-आक्रामक मानी गई</li>
</ul>
<p><strong>क्या हुआ असर?</strong></p>
<p style="text-align: justify;">रक्षा सूत्रों के मुताबिक ऑपरेशन में 70 से ज्यादा आतंकवादी मारे गए और 60 से ज्यादा घायल हुए. कई बड़े आतंकी कमांडर भी इस कार्रवाई में मारे गए. हमले से आतंकी संगठनों का नेटवर्क बुरी तरह हिल गया है. उनकी कम्युनिकेशन लाइनें और ट्रेनिंग कैंप बर्बाद हो गए हैं.</p>
<p style="text-align: justify;">'<a title="ऑपरेशन सिंदूर" href=" data-type="interlinkingkeywords">ऑपरेशन सिंदूर</a>’ भारत का एक साहसिक और सटीक जवाब था, जिसने आतंकवाद को उसकी जड़ों में चोट पहुंचाई. सैटेलाइट तस्वीरें अब इस बात की गवाही दे रही हैं कि यह सिर्फ एक दावा नहीं, बल्कि एक सटीक और सफल कार्रवाई थी.</p>
<p><br /><img style="display: block; margin-left: auto; margin-right: auto;" src=" /></p>
<p style="text-align: justify;"><strong>कैसे ली जाती है सैटेलाइट इमेज&nbsp;</strong></p>
<p style="text-align: justify;">सैटेलाइट इमेज उस समय ली जाती हैं जब धरती की परिक्रमा कर रहे उपग्रह (सैटेलाइट) खास कैमरों और सेंसर की मदद से जमीन की तस्वीरें खींचते हैं. ये कैमरे बहुत हाई-रिजॉल्यूशन वाले होते हैं, जो धरती की सतह पर मौजूद इमारतों, सड़कों, जंगलों, या किसी भी बदलाव को ऊपर से साफ-साफ दिखा सकते हैं. जैसे ही उपग्रह किसी खास जगह के ऊपर से गुजरता है, वह वहां की तस्वीरें लेता है और उन्हें धरती पर मौजूद स्टेशन पर भेजता है, जहां उनका विश्लेषण किया जाता है.</p>

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