कौन हैं Andrew Tulloch जिसने मार्क जुकरबर्ग के 1.5 बिलियन डॉलर का ऑफर ठुकरा दिया!

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<p style="text-align: justify;"><strong>Andrew Tulloch:</strong> कुछ महीने पहले मेटा के सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने ओपनएआई की पूर्व CTO मिरा मुराटी की एआई स्टार्टअप Thinking Machines Lab को खरीदने की कोशिश की थी. जब मुराटी ने यह प्रस्ताव ठुकरा दिया तो मेटा ने अगली चाल में उनकी कंपनी के करीब 50 कर्मचारियों में से 12 से ज़्यादा को नौकरी के प्रस्ताव भेज दिए. यह जानकारी वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट में सामने आई है.</p>
<h2 style="text-align: justify;"><strong>असली निशाना था Andrew Tulloch</strong></h2>
<p style="text-align: justify;">मेटा की इस आक्रामक भर्तियों की रणनीति का असली केंद्र थे मुराटी के को-फाउंडर एंड्रू टुलक. मेटा के नए सुपरइंटेलिजेंस लैब्स प्रमुख अलेक्ज़ेंडर वांग और खुद जुकरबर्ग ने टुलक को कई आकर्षक संदेश भेजे और उन्हें टीम में शामिल होने के लिए करीब 1 बिलियन डॉलर का पैकेज ऑफर किया. यदि टुलक यह प्रस्ताव मान लेते तो उन्हें अगले छह वर्षों में बोनस और स्टॉक्स मिलाकर कुल 1.5 बिलियन डॉलर तक की कमाई हो सकती थी. लेकिन टुलक ने इस भारी-भरकम ऑफर को साफ तौर पर ठुकरा दिया. इतना ही नहीं, मुराटी की टीम का कोई भी सदस्य मेटा की ओर नहीं गया.</p>
<h2 style="text-align: justify;"><strong>कौन हैं </strong><strong>Andrew Tulloch</strong><strong>?</strong></h2>
<p style="text-align: justify;">एंड्रू टुलक ऑस्ट्रेलिया से हैं और उन्होंने यूनिवर्सिटी ऑफ सिडनी से विज्ञान में टॉप ग्रेड्स के साथ स्नातक किया है. इसके बाद उन्होंने फेसबुक में मशीन लर्निंग पर 18 महीने काम किया और फिर कैंब्रिज विश्वविद्यालय से उच्च शिक्षा प्राप्त की. टुलक ने फेसबुक की AI रिसर्च टीम में काम किया और वहां एक "डिस्टिंग्विश्ड इंजीनियर" बन गए. साल 2016 में ओपनएआई के अध्यक्ष ग्रेग ब्रॉकमैन ने उन्हें अपनी टीम में शामिल करने की कोशिश की थी लेकिन उस समय फेसबुक की $800,000 सैलरी छोड़कर $175,000 की ओपनएआई जॉब लेना उन्हें सही नहीं लगा. हालांकि, 2023 में जब ChatGPT वायरल हो चुका था तब टुलक ने ओपनएआई जॉइन किया.</p>
<h2 style="text-align: justify;"><strong>Thinking Machines Lab का मिशन और मेटा की असफल कोशिश</strong></h2>
<p style="text-align: justify;">Thinking Machines Lab, जिसे मुराटी और टुलक ने मिलकर शुरू किया है का मिशन है "AI को ज्यादा समझने योग्य, कस्टमाइज़ेबल और सामान्य उपयोग योग्य बनाना". मुराटी ने कहा है कि वे कुछ महीनों में अपना पहला प्रोडक्ट पेश करेंगी. इस बीच, मेटा ने अपनी एआई रेस तेज़ करते हुए Superintelligence Labs यूनिट बनाई है जिसका लक्ष्य इंसानों से भी ज़्यादा बुद्धिमान एआई बनाना है.</p>
<p style="text-align: justify;">मेटा ने $14.8 बिलियन में Scale AI में 49% हिस्सेदारी खरीदी है और Play AI नामक एआई वॉयस स्टार्टअप का अधिग्रहण भी किया है. कंपनी अब तक OpenAI, Google और Apple जैसे कई दिग्गजों से AI टैलेंट खींचने की कोशिश कर चुकी है. लेकिन मिरा मुराटी की टीम ने जुकरबर्ग के हर प्रयास को नकार दिया चाहे वो हो करोड़ों डॉलर की डील, या फिर लुभावने व्यक्तिगत पैकेज.</p>
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