<p style="text-align: justify;"><strong>ChatGPT-5:</strong> ओपनएआई ने अपने मशहूर चैटबॉट ChatGPT को और शक्तिशाली बनाने के लिए GPT-5 पेश किया है. यह नया वर्ज़न करीब दो साल बाद आया है जब GPT-4 ने जनरेटिव एआई की दुनिया में तहलका मचाया था. इस लॉन्च को लेकर उद्योग जगत बारीकी से नज़र रख रहा है यह देखने के लिए कि क्या एआई की प्रगति तेज़ रफ़्तार से जारी है या अब धीमी पड़ रही है. GPT-5 का आगमन निवेश, चर्चा और एआई की क्षमताओं पर बहस के बीच हुआ है.</p>
<h2 style="text-align: justify;"><strong>डेवलपर्स के लिए ज़्यादा लचीलापन</strong></h2>
<p style="text-align: justify;">GPT-5 अब API यूज़र्स के लिए तीन आकारों में उपलब्ध है—gpt-5, gpt-5-mini और gpt-5-nano. इससे डेवलपर्स अपनी ज़रूरत और बजट के मुताबिक परफॉर्मेंस, लागत और गति का संतुलन बना सकते हैं. ओपनएआई ने साफ़ किया है कि ChatGPT में GPT-5 कई तरह के reasoning और non-reasoning मॉडल का संयोजन है जबकि API पर उपलब्ध GPT-5 केवल reasoning मॉडल है जो ChatGPT में सबसे उच्च प्रदर्शन देता है. इसके अलावा, ChatGPT का non-reasoning मॉडल gpt-5-chat-latest नाम से भी उपलब्ध है.</p>
<h2 style="text-align: justify;"><strong>एक कदम और AGI की ओर</strong></h2>
<p style="text-align: justify;">ओपनएआई के सीईओ सैम ऑल्टमैन ने GPT-5 को GPT-4 के मुकाबले बड़ा सुधार बताते हुए इसे "Artificial General Intelligence (AGI) की दिशा में महत्वपूर्ण कदम" कहा. उनके मुताबिक, GPT-5 ऐसा पहला मॉडल है जो किसी भी विषय पर पीएचडी-स्तर के विशेषज्ञ जैसा जवाब देने में सक्षम है. उन्होंने इस तकनीक को आम लोगों तक पहुंचाने पर भी ज़ोर दिया और पहली बार इसे फ्री टियर में शामिल किया. GPT-5 का रोलआउट 7 अगस्त से फ्री, प्लस और प्रो यूज़र्स के लिए शुरू हो गया है जबकि एंटरप्राइज़ और एजुकेशन यूज़र्स को एक हफ्ते बाद एक्सेस मिलेगा.</p>
<h2 style="text-align: justify;"><strong>GPT-4 से GPT-5 में बदलाव</strong></h2>
<p style="text-align: justify;">GPT-5 बुद्धिमत्ता और तर्क क्षमता में GPT-4 से कहीं आगे है. जहां GPT-4 को "कॉलेज स्तर" का माना जाता था, वहीं GPT-5 को "पीएचडी स्तर" का आंका गया है जो जवाब देने से पहले गहराई से सोचता है और अधिक भरोसेमंद नतीजे देता है. इसका hallucination rate पहले से काफी कम हो गया है और यह कोडिंग में अब तक का सबसे मजबूत मॉडल है जो फ्रंट-एंड डेवलपमेंट, डिबगिंग और जटिल एजेंट-आधारित कार्यों में माहिर है. इसके साथ ही टूल इंटीग्रेशन अब ऑटोमैटिक हो गया है और जीमेल, गूगल कैलेंडर जैसे नए सर्विस कनेक्शन भी जुड़े हैं. यूजर्स अब प्रीसेट पर्सनैलिटी और चैट रंग जैसी कस्टमाइज़ेशन सुविधाओं का आनंद ले सकते हैं.</p>
<h2 style="text-align: justify;"><strong>भारतीय भाषाओं में बड़ी छलांग</strong></h2>
<p style="text-align: justify;">GPT-5 ने मल्टीलिंगुअल सपोर्ट में बड़ा सुधार किया है, खासकर 12 से अधिक भारतीय भाषाओं में. यह न सिर्फ हिंदी बल्कि कई क्षेत्रीय भाषाओं को भी बेहतर समझता और संभालता है जिससे भारत में इसका उपयोग और बढ़ने की उम्मीद है.</p>
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