<p style="text-align: justify;"><strong>TCP/IP:</strong> इंटरनेट आज हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा बन चुका है लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में मौजूद लाखों कंप्यूटर एक-दूसरे से इतनी सहजता से बात कैसे करते हैं? इसका जवाब है TCP/IP यानी Transmission Control Protocol और Internet Protocol. यही वो दो डिजिटल भाषाएं हैं जो पूरे इंटरनेट को संचालित करती हैं और हर डेटा ट्रांसफर को एक व्यवस्थित तरीके से पूरा करती हैं.</p>
<h2 style="text-align: justify;">क्या होता है TCP/IP</h2>
<p style="text-align: justify;">TCP/IP को समझने का सबसे आसान तरीका है इसे एक डिजिटल पोस्ट ऑफिस मानना. जैसे डाक भेजने के लिए हमें लिफाफे, पते और डिलीवरी की प्रोसेस चाहिए होती है वैसे ही इंटरनेट पर भी हर डेटा एक डिजिटल लिफाफे में पैक होता है. इस लिफाफे पर भेजने वाले (Sender) और Receiver का पता लिखा होता है और यही पता होता है IP Address.</p>
<h2 style="text-align: justify;">IP Address क्या है और कैसे काम करता है</h2>
<p style="text-align: justify;">हर कंप्यूटर या मोबाइल जब इंटरनेट से जुड़ता है तो उसे एक यूनिक IP Address दिया जाता है. यह एड्रेस या तो चार अंकों के सेट में होता है (जैसे 192.168.1.1) या कभी-कभी आठ समूहों में अक्षरों और अंकों के रूप में (IPv6). यह एड्रेस आपके डिजिटल घर का पता होता है.</p>
<p style="text-align: justify;">जब आप “what’s my IP” गूगल में टाइप करते हैं तो आपको आपका IP दिख जाता है. लेकिन यह एड्रेस हमेशा स्थायी नहीं होता. घर पर आपको इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर (ISP) से IP मिलता है जबकि कैफे या ऑफिस में Wi-Fi नेटवर्क से नया IP एड्रेस असाइन हो सकता है.</p>
<h2 style="text-align: justify;">DNS</h2>
<p style="text-align: justify;">अब सवाल उठता है जब वेबसाइट के सर्वर का IP इतना लंबा और मुश्किल होता है तो हम सिर्फ google.com या youtube.com टाइप करके कैसे पहुंच जाते हैं? इसका जवाब है DNS (Domain Name System). DNS वेबसाइटों को ऐसे नाम देता है जिन्हें इंसान आसानी से याद रख सकें. आपका ब्राउज़र जब कोई वेबसाइट खोलता है तो DNS उस नाम को सही IP एड्रेस में बदल देता है और आपका डिवाइस सही सर्वर से कनेक्ट हो जाता है.</p>
<h2 style="text-align: justify;">डेटा ट्रांसफर की तकनीक</h2>
<p style="text-align: justify;">जब आपका कंप्यूटर किसी सर्वर से संपर्क करता है तो यह एक थ्री-वे हैंडशेक के ज़रिए शुरू होता है. सबसे पहले कंप्यूटर सर्वर से पूछता है “क्या आप बात करने के लिए तैयार हैं?” सर्वर जवाब देता है “हां, तैयार हूं.” इसके बाद आपका कंप्यूटर कनेक्शन की पुष्टि कर देता है. अब डेटा का आदान-प्रदान शुरू होता है.</p>
<p style="text-align: justify;">वेबसाइट का डेटा कई छोटे हिस्सों में बांट दिया जाता है. हर हिस्से को अलग-अलग पैकेट (envelope) में भेजा जाता है. इन पैकेट्स पर IP एड्रेस और सीक्वेंस नंबर लिखा होता है ताकि आपका कंप्यूटर उन्हें सही क्रम में जोड़ सके. जैसे ही कोई पैकेट पहुँचता है, कंप्यूटर acknowledge भेजता है यानी डेटा मिल गया और सब ठीक है. अगर सर्वर को यह जवाब नहीं मिलता तो वह वही पैकेट फिर से भेज देता है.</p>
<p style="text-align: justify;">TCP/IP इंटरनेट की वह रीढ़ है जो दुनिया भर के कंप्यूटर्स को एक साझा भाषा में जोड़ती है. यह सुनिश्चित करती है कि आपका डेटा चाहे ईमेल हो, वीडियो या कोई वेबसाइट सुरक्षित, सही क्रम में और समय पर अपने सही स्थान तक पहुंचे.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>यह भी पढ़ें:</strong></p>
<p style="text-align: justify;"><strong><a href=" हैक हुआ या सिर्फ बैटरी ड्रेन? ये सीक्रेट नंबर डायल करते ही खुल जाएगा पूरा राज, जानिए क्या है पूरा प्रोसेस</a></strong></p>
Internet के भी होते हैं नियम? जानिए क्या होता है TCP/IP और कैसे ये पूरी ऑनलाइन दुनिया को करता है कंट्रोल
- Advertisement -
- Advertisement -
Related articles