<p style="text-align: justify;">आपने स्पाईवेयर का नाम सुना होगा. समय-समय पर मोबाइल कंपनियां भी अपने यूजर्स को स्पाईवेयर से बचाने के लिए अलर्ट जारी करती रहती हैं. स्पाईवेयर का खतरा सिर्फ मोबाइल पर नहीं है. इससे किसी भी डिवाइस को इंफेक्ट किया जा सकता है और आमतौर पर इसका इस्तेमाल पासवर्ड, बैंकिंग डिटेल्स और डिजिटल आइडेंटिटी चुराने के लिए किया जाता है. हालिया सालों में स्पाईवेयर के कई मामले सामने आ चुके हैं, जिससे दुनियाभर के लोग प्रभावित हुए हैं. आज के एक्सप्लेनर में हम आपको स्पाईवेयर से जुड़े सारे सवालों के जवाब देने की कोशिश करेंगे. </p>
<p style="text-align: justify;"><strong>स्पाईवेयर क्या होता है?</strong></p>
<p style="text-align: justify;">स्पाईवेयर एक तरह का मालवेयर होता है, जो आपके डिवाइस में घुसकर आपकी सारी जानकारी चुराता और ऑनलाइन एक्टिविटी को ट्रैक करता है. ये इतने खतरनाक होते हैं कि ये आपके टाइप किए टेक्स्ट को कॉपी करने के साथ-साथ आपके द्वारा यूज की जाने वाली ऐप्स और वेबसाइट को मॉनिटर कर सकते हैं और यह भी देख सकते हैं कि आप अपने डिवाइस पर क्या पढ़ या कौन-सी एक्टिविटी कर रहे हैं. कई स्पाईवेयर आपके डिवाइस के कैमरा और माइक्रोफोन को सीक्रेटली ऑन कर आपको देख और रिकॉर्ड कर सकते हैं. स्पाईवेयर एक तरह के वर्चुअल स्टॉकर होते हैं, जो आपकी हर डिजिटल एक्टिविटी पर नजर रखते हैं. </p>
<p style="text-align: justify;"><strong>स्पाईवेयर कितने टाइप के होते हैं?</strong></p>
<p style="text-align: justify;">स्पाईवेयर को आपके डिवाइस तक पहुंचाना अब मुश्किल काम नहीं रहा है. मलेशियल फाइल्स के साथ इसे इंटीग्रेट कर आपके सिस्टम में डाउनलोड करवाया जा सकता है. इसके अलावा मिस कॉल से लेकर एक सिंपल टेक्स्ट मैसेज तक के जरिए आपके डिवाइस में इंस्टॉल किया जा सकता है. इसके काम करने के तरीके की बात करें तो एक बार सिस्टम में घुसने के बाद ये चुपचाप आपकी एक्टिविटी को रिकॉर्ड करने लगते हैं. स्पाईवेयर के कई टाइप होते हैं और इन्हें अलग-अलग कामों के हिसाब से डिजाइन किया जाता है. </p>
<p style="text-align: justify;"><strong>एडवेयर-</strong> जैसा नाम से जाहिर है, इसे एड दिखाने के लिए यूज किया जाता है. जैसे ही यूजर इंटरनेट पर जाएगा, यह उसकी ब्राउजिंग हिस्ट्री के हिसाब से उसे एड दिखाना शुरू कर देगा.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>कीलॉगर्स-</strong> इस तरह के स्पाईवेयर को आपके द्वारा इंफेक्टेड डिवाइस पर टाइप किए गए टेक्स्ट को कॉपी करने के लिए यूज किया जाता है. यह आपके द्वारा डिवाइस को दी गई सारी इनपुट को एनक्रिप्टेड लॉग फाइल में सेव करता है. इसके जरिए हैकर्स आपके भेजे सारे मैसेज, मेल और टाइप किए गए पासवर्ड आदि का पता लगा सकता है.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>इंफोस्टीलर्स-</strong> ऐसे स्पाईवेयर को यूजर के डिवाइस से इंफोर्मेशन चुराने के लिए यूज किया जाता है. कीलॉगर्स भी इसी का एक टाइप है. इंफोस्टीलर्स के जरिए हैकर्स आपके डिवाइस में स्टोर इंफोर्मेशन को स्कैन कर सकते हैं. कुछ इंफोस्टीलर्स अपना काम कर इंफेक्टेड डिवाइस से गायब भी हो जाते हैं.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>रेड शैल स्पाईवेयर-</strong> ऐसे स्पाईवेयर पीसी पर कुछ गेम्स आदि के साथ खुद को इंस्टॉल कर लेते हैं और फिर गेमर्स की ऑनलाइन एक्टिविटी को ट्रैक करते हैं. कहा जाता है कि ऐसे स्पाईवेयर का यूज डेवलपर्स अपने गेम्स को इंप्रूव करने के लिए करते हैं.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>रूटकिट्स-</strong> इस तरह के स्पाईवेयर की मदद से साइबर अपराधी किसी भी कंप्यूटर या मोबाइल डिवाइस की एक्सेस ले लेते हैं. आमतौर पर सिक्योरिटी बग्स का फायदा उठाकर इन्हें इंस्टॉल किया जाता है और ये एडमिनिस्ट्रेटर के तौर पर किसी मशीन में लॉग-इन कर सकते हैं. इन्हें डिटेक्ट कर पाना बेहद मुश्किल होता है. </p>
<p style="text-align: justify;"><strong>क्या सारे स्पाईवेयर मलेशियस होते हैं?</strong></p>
<p style="text-align: justify;">इसका जवाब नहीं है. कुछ स्पाईवेयर को इंफोर्मेशन सेफ रखने के लिए यूज किया जा सकता है. कई कंपनियां अपनी प्रोपराइट्री इंफोर्मेशन को बचाने या कंपनी नेटवर्क को सुरक्षित रखने के लिए स्पाईवेयर का यूज करती हैं. इन्हें इंप्लॉयीज के सिस्टम में इंस्टॉल किया जाता है.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>स्पाईवेयर से सबसे ज्यादा खतरा किसे है?</strong></p>
<p style="text-align: justify;">पिछले कुछ समय से साइबर क्राइम बढ़े हैं और बड़ी संख्या में लोगों को अलग-अलग टाइप के मालवेयर से निशाना बनाया जा रहा है. चाहे आप मोबाइल यूज कर रहे हैं या टैब, आपके पास लैपटॉप या दूसरा कोई स्मार्ट गैजेट, एक गलत टैप से आप मालवेयर का शिकार हो सकते हैं. अगर स्पाईवेयर की बात करें तो ऑनलाइन बैंकिंग का यूज करने वाले लोग खासतौर पर हैकर्स के निशाने पर रहते हैं. इसके अलावा कई सरकारों पर भी ऐसे आरोप लगे हैं कि उन्होंने पत्रकारों, जजों, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और विपक्षी नेताओं को स्पाईवेयर के जरिए निशाना बनाया है. </p>
<p style="text-align: justify;"><strong>डिवाइस में मालवेयर होने का कैसे पता चलता है?</strong></p>
<p style="text-align: justify;">स्पाईवेयर को डिटेक्ट करना मुश्किल है, लेकिन इससे इंफेक्टेड डिवाइस में कुछ संकेत मिलने लगते हैं, जिससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि किसी सिस्टम में स्पाईवेयर हो सकता है. ये संकेत हैं- </p>
<ul>
<li style="text-align: justify;">इंफेक्टेड डिवाइस की स्पीड स्लो हो जाती है. </li>
<li style="text-align: justify;">डिवाइस काम करना बंद कर देता है या बार-बार क्रैश होने लगता है.</li>
<li style="text-align: justify;">डिवाइस पर बार-बार पॉप-अप आने लगते हैं.</li>
<li style="text-align: justify;">ब्राउजर का होमपेज बार-बार ऑटोमैटिकली चेंज हो जाता है. </li>
<li style="text-align: justify;">वेब सर्च करने पर यूजर को किसी और ही सर्च इंजन पर रिडायरेक्ट कर दिया जाता है. </li>
<li style="text-align: justify;">ऐप्स को यूज करने पर रैंडम एरर मैसेज आने लगते हैं, जो पहले कभी नजर नहीं आए.</li>
</ul>
<p style="text-align: justify;"><strong>स्पाईवेयर से कैसे बचें?</strong></p>
<p style="text-align: justify;">कई स्पाईवेयर बेहद एडवांस होते हैं और आपके बिना कुछ किए भी ये आपके डिवाइस में एंटर कर सकते हैं. फिर भी कुछ सावधानियां बरतकर इसके खतरों को कम किया जा सकता है. </p>
<ul>
<li style="text-align: justify;">अनजान नंबर से मैसेज या ईमेल में आए लिंक को ओपन न करें.</li>
<li style="text-align: justify;">सोशल मीडिया पर दिखने वाले लुभावने विज्ञापनों के लालच में न फंसे और पॉप-अप बैनर पर क्लिक न करें.</li>
<li style="text-align: justify;">इंटरनेट पर अनजान लोगों के साथ बातचीत करने से बचें.</li>
<li style="text-align: justify;">अपने डिवाइस के सॉफ्टवेयर और ऐप्स को हमेशा अपडेटेड रखें. </li>
</ul>
<p style="text-align: justify;"><strong>ये भी पढ़ें-</strong></p>
<p style="text-align: justify;"><strong><a title="Year Ender 2025: DSLR जैसी आएगी फोटो, ये हैं इस साल लॉन्च हुए 200MP कैमरा वाले फोन" href=" target="_self">Year Ender 2025: DSLR जैसी आएगी फोटो, ये हैं इस साल लॉन्च हुए 200MP कैमरा वाले फोन</a></strong></p>
Tech Explained: स्पाईवेयर क्या होते हैं और कैसे करते हैं काम? जानें सारे सवालों के जवाब
Related articles
