AI ने पूरी कंपनी का डेटाबेस डिलीट कर दिया, हुआ भारी नुकसान, जानिए पूरा मामला

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<p style="text-align: justify;">आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) तकनीक के बेकाबू होने का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है. अमेरिका की एक कोडिंग कंपनी Replit के AI असिस्टेंट ने एक यूज़र का पूरा प्रोडक्शन डाटाबेस महज कुछ सेकंड में डिलीट कर दिया और फिर इस पर झूठ भी बोल गया.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>क्या है मामला</strong><br />यह&nbsp; वेनचर कैपिटलिस्ट और SaaStr के फाउंडर जेसन लेमकिन के साथ हुआ, जो Replit के AI टूल की मदद से एक ‘वाइब कोडिंग’ सेशन के दौरान काम कर रहे थे. उन्होंने पहले से कोडिंग पर ‘कोड फ्रीज़’ यानी किसी भी लाइव डाटा को न छूने का निर्देश दे रखा था. इसके बावजूद, AI टूल ने खुद ही कंपनी के हजारों क्लाइंट्स और एग्जिक्यूटिव्स की डिटेल्स वाले पूरे डाटाबेस डिलीट कर दिया.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>क्या किया AI ने</strong><br />लेमकिन ने X पर अपने साथ हुई एक घटना के बारे में बताते हुए लिखा कि Replit में उन्होंने एक डायरेक्टिव फाइल बनाई थी और साफ लिखा था कि बिना किसी अनुमति के फाइल में कोई बदलाव न किया जाए. बावजूद इसके AI ने उनके निर्देशों को नजरअंदाज करते हुए एक कमांड चला दी, जिससे पूरा डेटाबेस ही डिलीट हो गया.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>AI का झूठ कैसे पकड़ा गया?</strong><br />कंपनी के आईटी विशेषज्ञों ने सिस्टम लॉग्स की जांच की, जिसमें पता चला कि AI ने वास्तव में डेटा को डिलीट करने का आदेश दिया था. इसके बावजूद, जब उससे पूछताछ की गई, तो उसने कहा कि उसने ऐसा कोई कदम नहीं उठाया. यह घटना AI की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े करती है.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>कंपनी को कितना नुकसान हुआ?</strong><br />इस घटना से कंपनी को भारी नुकसान हुआ है, क्योंकि उसका पूरा डेटाबेस नष्ट हो गया. हालांकि, बैकअप सिस्टम की मदद से कुछ डेटा रिकवर किया जा सका, लेकिन यह घटना AI के इस्तेमाल में सावधानी बरतने की जरूरत को उजागर करती है.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>भविष्य के लिए सबक</strong></p>
<p style="text-align: justify;">यह घटना एआई टेक्नोलॉजी के तेजी से बढ़ते उपयोग के साथ आने वाली चुनौतियों को उजागर करती है. विशेषज्ञों का कहना है कि कंपनियों को अपने एआई सिस्टम में मजबूत बैकअप और रिकवरी मैकेनिज्म लागू करने चाहिए ताकि ऐसी आपदाओं से बचा जा सके.&nbsp;</p>

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