What Is ISIM How It Is Different From ESIM Know Everything In Detail

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eSIM vs iSIM: चिप बनाने वाली कंपनी क्वालकॉम ने हाल ही में ये घोषणा की है कि वह भविष्य के स्नैपड्रैगन चिप्स वाले स्मार्टफोन में iSIM का सपोर्ट यूजर्स को देगी. यहां तक कि स्नैपड्रैगन 8 जेन 2 SoC को इसके लिए सपोर्ट प्राप्त हो गया और आने वाले समय में लाखों लोग इस चिपसेट में iSIM का इस्तेमाल कर पाएंगे. आप सभी ने अब तक ई-सिम कार्ड के बारे में सुना होगा. ई-सिम कार्ड में कोई भी सिम फोन के अंदर नहीं लगती और आप बिना फिजिकल सिमकार्ड के कॉल, इंटरनेट आदि का मजा ले पाते हैं. फिलहाल भारत में ई-किम कार्ड उतना पॉपुलर नहीं है. लेकिन आने वाले समय में आपको ई-सिम और iSIM हर मोबाइल फोन में दिखने लगेगा. आज हम आपको बताने वाले हैं कि ये iSIM क्या है और eSIM और iSIM में अंतर क्या है.

क्या है iSIM?

ई-सिम जैसा की आप जानते हैं की ये सीधे फोन के हार्डवेयर में एम्बेडेड होती है और एक अलग चिप में शामिल होती है. ई-सिम की तरह ही iSIM भी है लेकिन ये सीधे डिवाइस के प्रोसेसर में एम्बेडेड होती है और इसे संचालित करने के लिए अतिरिक्त चिप की आवश्यकता नहीं होती. यानि ये सीधे फोन के प्रोसेसर के साथ जुडी होगी और इसके लिए कोई अलग से स्पेस फोन में नहीं होगा. क्वालकॉम का दावा है कि iSIM नैनो सिम कार्ड से भी 100 गुना छोटी होगी और ये वर्तमान में केवल Snapdragon 8 Gen 2 SoC के साथ उपलब्ध है. iSIM का फायदा ये है कि ये ई-सिम की तुलना में कम पॉवर लेती है जिससे फोन की बैटरी बचती है.

क्या है अंतर?

देखिए ई-सिम और iSIM में ज्यादा अंतर नहीं है लेकिन ये eSIM के ऊपर एडवांस्ड टेक्नोलॉजी है जो मोबाइल निर्माता कंपनियों को फोन में दूसरे कॉम्पोनेन्ट को जोड़ने के लिए जगह प्रदान करती है. साथ ही इससे फोन की बैटरी की खपत भी कम होती है और ये यूजर्स की प्राइवेसी को बेहतर बनाने के लिए भी मददगार है.

इसके अलावा ई-सिम और iSIM का एक फायदा ये भी है कि आप आसानी से अपने मोबाइल ऑपरेटर को बदल सकते हैं और आपको सिम कार्ड को बदलने की जरूरत नहीं होती. 

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