Information And Broadcasting Ministry Introduces Draft Broadcasting Services Regulation Bill 2023 Check Details

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सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने 10 नवंबर को एक नया ड्राफ्ट जारी किया है. सरकार ने ब्रॉडकास्टिंग सर्विस (रेगुलेशन) बिल 2023 को पेश किया है जिसका उद्देश्य ब्राडकास्टिंग क्षेत्र में तकनीकी प्रगति को ध्यान में रखते हुए एक नया नियामक ढांचा बनाना है. इस ड्राफ्ट के संबंध में मंत्रालय ने लोगों से फीडबैक मांगा है. ट्विटर पर सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने लिखा कि माननीय प्रधान मंत्री के ‘व्यवसाय और जीवनयापन करने में आसानी’ के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाते हुए, हमें प्रसारण सेवा (विनियमन) विधेयक का ड्राफ्ट पेश करने पर गर्व है. उन्होंने लिखा कि ये महत्वपूर्ण कानून हमारे प्रसारण क्षेत्र के नियामक ढांचे को आधुनिक बनाता है. साथ ही पुराने रूल्स, गाइडलाइन आदि को रिप्लेस कर भविष्य-केंद्रित दृष्टिकोण से प्रतिस्थापित करता है. यानि इस बिल में नए टेक्नोलॉजी को ध्यान में रखकर बनाया गया है. 

सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने लिखा ने कि ये बिल ओटीटी के बदलते स्वभाव, डिजिटल मीडिया, डीटीएच, आईपीटीवी और अन्य की गतिशील दुनिया को अपनाता है और तकनीकी एडवांसमेंट और इवोल्यूशन को बढ़ावा देता है. ध्यान दें, फिलहाल ये एक एक ड्राफ्ट है जो पहले लोकसभा में पास होगा और फिर राज्यसभा में रखा जाएगा. दोनों सदनों से पास होने के बाद नए नियम लागू होंगे.  

ब्राडकास्टिंग सर्विसेस को नए तरीके से रेगुलेट करेगा बिल

नया प्रसारण सेवाएँ (विनियमन) विधेयक 2023 देश में प्रसारण सेवाओं को रेगुलेट करने के लिए एक एकीकृत ढांचे का प्रावधान करता है और मौजूदा केबल टेलीविजन नेटवर्क (विनियमन) अधिनियम, 1995 और वर्तमान में देश में प्रसारण क्षेत्र को नियंत्रित करने वाले अन्य नीति दिशानिर्देशों को बदलने का प्रयास करता है. इस बिल में 6 चैप्टर, 48 खंड और तीन अनुसूचियां शामिल हैं. इसकी प्रमुख विशेषताओं को सूचीबद्ध करते हुए, मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि ये बिल न केवल ओटीटी सामग्री, डिजिटल समाचार और वर्तमान मामलों को शामिल करने के लिए नियामक दायरे का विस्तार करता है बल्कि भविष्य में विकसित किसी भी नए प्लेटफॉर्म को शामिल करने का विकल्प भी खुला रखता है. 

कंटेंट रेगुलेशन के लिए बनेगी समिति

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के कहा कि ये बिल सेल्फ कंटेंट रेगुलेशन के लिए मूल्यांकन समितियों और इंटर डिपार्टमेंटल कमिटी को ब्रॉडकास्ट एडवाइजरी कॉउंसिल में बदलता है ताकि फास्ट डिसीजन लिए जा सके. साथ ही ये बिल विकलांग व्यक्तियों की विशिष्ट आवश्यकताओं को भी संबोधित करता है.  

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