जनरेटिव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ने पिछले साल से ही बाजार में अपनी एक अलग पहचान बना ली है. ओपन एआई ने जैसे ही चैट जीपीटी लॉन्च किया, महज 5 दिन में इस चैटबॉट ने 1 मिलियन का ट्रैफिक हासिल कर लिया था. इतने बड़े यूजरबेस तक पहुंचने में यूट्यूब, इंस्टाग्राम, गूगल आदि को सालों का समय लगा था. AI के आने के बाद नौकरी पेशा लोगों के मन में एक डर ये है कि इससे उनकी नौकरी चली जाएगी क्योकि AI टूल आज उनके काम को आसानी से कुछ ही मिनट में पूरा कर ले रहे हैं. काम्प्लेक्स से काम्प्लेक्स सवाल को AI सेकंड्स में बता देता है. एक्सपर्ट्स का मानना है कि AI लोगों के हिसाब से अपने ज्ञान को बड़ा रहा है और भविष्य में ये और बेहतर हो सकता है.
माइक्रोसॉफ्ट के अध्यक्ष ब्रैड स्मिथ ने कही ये बात
रायटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, माइक्रोसॉफ्ट के अध्यक्ष ब्रैड स्मिथ ने सुपर इंटेलिजेंट AI पर अपनी बात रखते हुए कहा कि AI इंसानो से ज्यादा पावरफुल और इंटेलिजेंट नहीं होगा. उन्होंने कहा कि आने वाले 12 महीनो में कोई भी सुपर इंटेलिजेंट AI देखने को नहीं मिलेगा. साथ ही उन्होंने इस बात को भी खारिज किया जिसमें ये कहा जा रहा है कि ओपन एआई ने एक ऐसा टूल बनाया है जो इंसानो के लिए खतरनाक है.
सुपर इंटेलिजेंट AI कब आएगा?
ब्रैड स्मिथ ने कहा कि सुपर इंटेलिजेंट AI के लिए फिलहाल सालों लग सकते हैं, हो सकता है कि इसमें 10 साल से भी ज्यादा लग जाएं. उन्होंने कहा कि फिलहाल सुपर इंटेलिजेंट AI के बजाय हमे सेफ्टी पर फोकस करने की जरूरत है जो वर्तमान की एक बड़ी डिमांड है.
सुपर इंटेलिजेंट AI से क्या है मतलब?
ऑक्सफ़ोर्ड विश्वविद्यालय के प्रोफेसर, निक बोस्ट्रोम के अनुसार, सुपरइंटेलिजेंस “कोई भी बुद्धि है जो रुचि के लगभग सभी क्षेत्रों में मनुष्यों के संज्ञानात्मक प्रदर्शन से कहीं अधिक है. इसका मतलब ये है कि सुपरइंटेलिजेंट एआई केवल एक विशिष्ट कार्य ही नहीं, बल्कि लगभग हर क्षेत्र में इंसानों से बेहतर प्रदर्शन करने में सक्षम होगा. हालांकि इसके लिए फिलहाल सालों का समय लगेगा. सुपर इंटेलिजेंट AI तभी संभव है जब इसे समय और लोगों के जरूरत के हिसाब ट्रेन किया जाए.
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