<p style="text-align: justify;"><strong>MeitY:</strong> भारत ने अपनी चिप्स यानी मेड इन इंडिया चिपसेट बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है. ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) ने भारत में बनने वाले तीन सेमीकंडक्टर प्लांट्स को हरी झंडी दे दी है. आइए हम आपको इसके बारे में विस्तार से बताते हैं.</p>
<p style="text-align: justify;">भारत में पहला सेमीकंडक्टर प्लांट गुजरात के धोलेरा में, दूसरा गुजरात के साणंद में और तीसराा असम के मोरीगांव में होगा. 29 फरवरी को भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के आधिकारिक एक्स हैंडल के जरिए एक पोस्ट किया गया, जिसके जरिए भारत के पहले सेमीकंडक्टर प्लांट की कुछ महत्वपूर्ण जानकारी दी गई. </p>
<h2 style="text-align: justify;"><strong>धोलेरा में होगा पहला सेमीकंडक्टर प्लांट</strong></h2>
<p style="text-align: justify;">इस पोस्ट के जरिए खुलासा किया गया कि टाटा इलेक्ट्रोनिक्स और ताइवान की पॉवरचिप सेमीकंडक्टर मैन्यूफैक्चरिंग कॉरपेरेशन (PSMC) मिलकर गुजरात के धोलेरा में भारत का पहला सेमीकंडक्टर फैबरीकेशन प्लांट स्थापित करेंगे. इसके लिए 91,000 करोड़ रुपये का बड़ा निवेश किया गया है.</p>
<blockquote class="twitter-tweet">
<p dir="ltr" lang="en">India’s First Semiconductor Fab facility under the Semicon India Programme to be set up in Dholera Special Investment Region, Gujarat by Tata Electronics Pvt. Ltd. in partnership with Powerchip Semiconductor Manufacturing Corp, Taiwan. <a href=" <a href=" <a href=" <a href="
— Ministry of Electronics & IT (@GoI_MeitY) <a href=" 29, 2024</a></blockquote>
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<p style="text-align: justify;">आईटी मंत्रालय द्वारा शेयर किए गए पोस्ट में जानकारी दी गई है कि भारत के इस पहले सेमीकंडक्टर प्लांट्स में ऑटोमोटिव, कंज्यूमर इलेक्ट्रोनिक्स, डेटा स्टोरेज, डिस्प्ले ड्राइवर्स, पॉवर इलेक्ट्रोनिक्स और टेलीकॉम्यूनिकेशन्स सेक्टर्स आदि क्षेत्रों के लिए चिप्स बनाए जाएंगे.</p>
<p style="text-align: justify;">इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्वनी वैष्णव ने सेमीकंडक्टर फैब की प्रॉडक्शन के लिए 3-4 साल की टाइमलाइन का जिक्र करते हुए इस प्रक्रिया में तेजी लाने की उम्मीद जताई. उन्होंने असेंबली, टेस्टिंग, मार्किंग और पैकेजिंग (ATMP) टेक्नोलॉजी में भारत द्वारा किए गए डेवलपमेंट की बात की. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि "यह ग्लोबल सेमीकंडक्टर वैल्यू चेन में भारत की उद्भव को दर्शाएगा."</p>
<h2 style="text-align: justify;"><strong>असम के लिए 27,000 करोड़ का निवेश</strong></h2>
<p style="text-align: justify;">धोलेरा के अलावा कैबिनेट ने टाटा सेमीकंडक्टर असेंबली एंड टेस्ट प्राइवेट लिमिटेड को असम में भी चिप असेंबली और टेस्टिंग यूनिट के लिए मंजूरी दे दी है, जिसके जरिए 27,000 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है. इसके अलावा गुजरात के साणंद में सीजी पावर और जापान की रेनेसा मिलकर एक सेमीकंडक्टर प्लांट स्थापित करेंगी, जिसके लिए 7600 करोड़ रुपये का निवेश करना तय किया गया है. इससे प्रति दिन 15 मिलियन चिप्स का उत्पादन होने की उम्मीद है. </p>
<p style="text-align: justify;">आपको बता दें कि इन तीन सेमीकंडक्टर प्लांट्स के अलावा अमेरिका की कंपनी माइक्रोन ने भी भारत में एक चिप असेंबली प्लांट के लिए 22,516 करोड़ रुपये का निवेश किया है, जो ग्लोबल सेमीकंडक्टर मैन्यूफैक्चरिंग में भारत की स्थिति को मजबूत करती है.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong><a title="यह भी पढ़ें: Xiaomi HyperOS का इंतजार होगा खत्म, जानें भारत में कब और किन फोन्स में मिलेगा अपडेट" href=" target="_self">यह भी पढ़ें: Xiaomi HyperOS का इंतजार होगा खत्म, जानें भारत में कब और किन फोन्स में मिलेगा अपडेट</a></strong></p>
भारत सरकार ने तीन सेमीकंडक्टर प्लांट्स के लिए दी मंजूरी, पहले प्लांट में खर्च होंगे 91,000 करोड़
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