<p style="text-align: justify;"><strong>Deepfake:</strong> डीपफेक दुनियाभर के लिए एक बड़ी मुसीबत बनता जा रहा है. इस टेक्नोलॉजी ने पूरी दुनिया के लिए एक अलग तरह की चुनौती पैदा कर दी है. दरअसल, डीपफेक टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके अपराधी किसी भी इंसान का नकली रूप बना देते हैं, जो असली इंसान की तरह बोलता है, चलता है, काम करता है, बात करता है, यहां तक कि चेहरे के हाव-भाव भी बिल्कुल असली इंसान जैसे ही लगते हैं. इस तरह से डीपफेक टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके अपराधी किसी भी इंसान का नकली रूप बनाकर धोखाधड़ी या कोई भी बड़ा क्राइम कर सकते हैं. भारत समेत दुनियाभर में ऐसे कई केस देखने को मिल चुके हैं.</p>
<h2 style="text-align: justify;"><strong>सरकार ने बनाया डीपफेक से निपटने का प्लान</strong></h2>
<p style="text-align: justify;">अब भारत सरकार इस टेक्नोलॉजी से आ रही मुसीबत से निपटने की तैयारी कर रही है. मीडिया में आ रही रिपोर्ट्स के मुताबिक भारत सरकार 2024 में होने वाले <a title="लोकसभा चुनाव" href=" data-type="interlinkingkeywords">लोकसभा चुनाव</a> से पहले डीपफेक को पहचानने के लिए डीपफेक डिटेक्शन एक्सपर्ट्स की टीम बनाने वाली है, जिसका काम डीपफेक टेक्नोलॉजी को डिटेक्ट करना होगा.</p>
<h2 style="text-align: justify;"><strong>डीपफेक डिटेक्शन टूल का होगा निर्माण</strong></h2>
<p style="text-align: justify;">रिपोर्ट्स के मुताबिक होम मिनिस्ट्री के साइबर विंग विभाग ने इसके लिए काम करना भी शुरू कर दिया है, और जल्द ही डीपफेक डिटेक्शन टूल लाने का फैसला किया है. इस टूल को ब्यूरो ऑफ पुलिस रिसर्च एंड डेवलपमेंट और इंडियन साइबर क्राइम कॉर्डिनेशन सेंटर विभाग ने मिलकर बना रहे हैं. </p>
<p style="text-align: justify;">रिपोर्ट्स की मानें तो डीपफेक टेक्नोलॉजी को पहचानने वाले इस खास डिटेक्शन टूल को हर एक साइबर थाने में तैनात किया जाएगा. इस टूल की मदद से पुलिस के लिए डीपफेक वीडियो को डिटेक्ट करना यानी पहचानने काफी आसान हो जाएगा. </p>
<p style="text-align: justify;">आपको बता दें कि इस टेक्नोलॉजी के जरिए अपराधी आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की मदद से किसी असली इंसान का एकदम मिलता-जुलता नकली रूप बना देते हैं. हाल ही में हॉन्ग कॉन्ग की एक कंपनी पर साइबर क्रिमिनल्स ने सीईओ, सीओओ जैसे कंपनी के बड़े अधिकारियों का नकली रूप बनाया और अपने फाइनेंशियल अधिकारी को लाइव कॉन्फ्रेंसिंग वीडियो कॉल की और 207 करोड़ रुपये का चूना लगा दिया. इसके अलावा भारत में भी सचिन तेंदुलकर और रश्मिका मंदाना जैसे बड़ी सेलिब्रिटी भी डीपफेक टेक्नोलॉजी का शिकार हो चुके हैं.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong><a title="यह भी पढ़ें: FUJIFILM ने भारत में लॉन्च किया एक छोटू डिजिटल कैमरा, जानें फीचर्स से लेकर कीमत तक सबकुछ" href=" target="_self">यह भी पढ़ें: FUJIFILM ने भारत में लॉन्च किया एक छोटू डिजिटल कैमरा, जानें फीचर्स से लेकर कीमत तक सबकुछ</a></strong></p>
Deepfake टेक्नोलॉजी से परेशान हुई दुनिया, भारत सरकार ने की इस मुसीबत से निपटने की तैयारी
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