<div id=":1hu" class="Am aiL Al editable LW-avf tS-tW tS-tY" style="text-align: justify;" tabindex="1" role="textbox" spellcheck="false" aria-label="Message Body" aria-multiline="true" aria-owns=":23i" aria-controls=":23i" aria-expanded="false">
<p><strong>First Wooden Satellite:</strong> जापान के वैज्ञानिकों ने दुनिया का पहला लकड़ी का उपग्रह (First Wooden Satellite) लॉन्च कर दिया है. gnoSat नाम के इस सैटेलाइट को SpaceX के रॉकेट पर रखकर अंतरिक्ष पर भेज गया. रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस सैटेलाइट को क्योटा यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स और घर बनाने वाली कंपनी Sumitomo Forestry की संयुक्त टीम ने मिलकर बनाया है. अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) के लिए इस सैटेलाइट को लॉन्च किया गया है. <br /><br /><strong>अंतरिक्ष में क्या काम करेगा लकड़ी से बना सैटेलाइट</strong><br /><br />लिग्नोसैट (LignoSat) का नाम लकड़ी के लिए लैटिन शब्द पर रखा गया है. इसे आने वाले हफ्तों में अंतरिक्ष स्टेशन से छोड़ा जाएगा. यह छह महीने तक कक्ष में रहेगा. यह सैटेलाइट ISS पर रहकर ये टेस्ट करेगा कि यह सामग्री अंतरिक्ष के चरम वातावरण का कितना बेहतर तरीके से सामना कर सकती है. <br /><br /><strong>जानें क्या है इस मिशन का मकसद</strong> <br /><br />जापान के पूर्व शटल एस्ट्रोनॉट ताकाओ दोई क्योटो यूनिवर्सिटी की रिसर्च टीम का हिस्सा थे. उन्होंने बताया कि हम यह पता लगाना चाहते हैं कि अंतरिक्ष में लकड़ी का उपयोग किया जा सकता है या नहीं. इसलिए हमने यह लकड़ी का उपग्रह बनाया है.</p>
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<p dir="ltr" lang="en">The world’s first wooden satellite has blasted off on a SpaceX rocket, its Japanese developers said Tuesday, part of a resupply mission to the International Space Station.<a href="
— AFP News Agency (@AFP) <a href=" 5, 2024</a></blockquote>
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<p><strong> इसलिए किया गया लकड़ी का इस्तेमाल</strong><br /><br />वहीं, वन विज्ञान के प्रोफेसर कोजी मुराता ने बताया कि लकड़ी अंतरिक्ष में बेहतर तरीके से काम कर सकती है. ऐसा इसलिए क्योंकि वहां ऐसा कुछ भी नहीं है जो इसके सड़ने या आग पकड़ने का कारण बने. इस उपग्रह में इस्तेमाल की गई लकड़ी एक मैगनोलिया पेड़ – जापानी होनोकी से आती है. इसे प्रोसेस करना आसान है और जल्दी टूटती भी नहीं है. रिसर्च के मुताबिक, लकड़ी के सैटेलाइट अपनी जिंदगी के आखिर में भी फायदा दे सकते हैं. इससे पृथ्वी के वायुमंडल को कोई नुकसान नहीं होगा. लेकिन अन्य उपग्रह के जलते समय प्रदूषणकारी धातु कण निकलते हैं.</p>
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<p><strong><a title="Smartphone में बच्चे खूब कर रहे Social Media का यूज तो तुरंत करें ये सेटिंग, जानें क्या है प्रोसेस" href=" target="_self">Smartphone में बच्चे खूब कर रहे Social Media का यूज तो तुरंत करें ये सेटिंग, जानें क्या है प्रोसेस</a></strong></p>
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जापान ने चौंकाया! लॉन्च कर दिया दुनिया का पहला लकड़ी से बना सैटेलाइट, जानिए क्या करेगा काम?
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