<p style="text-align: justify;"><strong>Fake Court Order Email Scam:</strong> डिजिटल दुनिया में स्कैमर्स नए-नए तरीकों से लोगों को चूना लगा रहे हैं. इसी कड़ी में एक नया स्कैम सामने आया है. यहां लोगों को एक फर्जी कोर्ट ऑर्डर का ईमेल भेज ठग लोगों को चूना लगा रहे हैं. दरअसल, इस ईमेल में कहा गया है कि आपके इंटरनेट उपयोग के खिलाफ कोर्ट ऑर्डर जारी किया गया है? आप अकेले नहीं हैं. सरकार ने इसे एक धोखाधड़ी करार दिया है और सभी को सतर्क रहने की सलाह दी है.</p>
<h2 style="text-align: justify;"><strong>सरकार ने दी चेतावनी</strong></h2>
<blockquote class="twitter-tweet">
<p dir="ltr" lang="en">Received a similar email related to a court order against your internet IP traffic ⁉️<br /><br />⚠️Be cautious<a href=" /><br />▶️This email is <a href=" /><br />▶️Lodge your cybercrime-related complaints here<br /><br />🔗<a href=" <a href="
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) <a href=" 26, 2024</a></blockquote>
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<p style="text-align: justify;">सरकार के आधिकारिक PIB Fact Check हैंडल ने X (पहले ट्विटर) पर एक अलर्ट जारी किया है. इस ईमेल में दावा किया गया है कि यह भारतीय खुफिया ब्यूरो (Indian Intelligence Bureau) की ओर से है. इसमें उपयोगकर्ताओं पर अनुचित गतिविधियों के लिए इंटरनेट का उपयोग करने का आरोप लगाया गया है और कानूनी कार्रवाई की धमकी दी गई है. लेकिन इस पर विश्वास न करें, यह पूरी तरह से एक फर्जीवाड़ा है.</p>
<h2 style="text-align: justify;"><strong>Email में क्या दावा किया गया है?</strong></h2>
<p style="text-align: justify;">इस फर्जी ईमेल में कहा गया है कि आपकी इंटरनेट गतिविधियों को भारतीय खुफिया ब्यूरो द्वारा चिन्हित किया गया है और आपके खिलाफ कोर्ट ऑर्डर जारी किया गया है. इसमें आरोप लगाया गया है कि आपने इंटरनेट का उपयोग पोर्नोग्राफी देखने के लिए किया है. साथ ही यह भी कहा गया है कि खुफिया ब्यूरो साइबर क्राइम पुलिस यूनिट के साथ मिलकर अत्याधुनिक फॉरेंसिक टूल्स के जरिए ऐसी गतिविधियों पर नजर रखता है. ईमेल के अंत में खुद को "प्रॉसीक्यूटर" प्रशांत गौतम बताने वाला व्यक्ति साइन करता है.</p>
<h2 style="text-align: justify;"><strong>Email को करें नजरअंदाज</strong></h2>
<p style="text-align: justify;">सरकार ने स्पष्ट किया है कि यह ईमेल पूरी तरह से नकली है और केवल लोगों को डराने या फंसाने के लिए बनाया गया है. सली कानूनी नोटिस कभी भी इस तरह के अनधिकृत ईमेल के माध्यम से नहीं भेजे जाते. वे हमेशा आधिकारिक प्रक्रिया के तहत आते हैं. अगर आपको अपनी ऑनलाइन सुरक्षा को लेकर चिंता है, तो सही तरीका है भारत के आधिकारिक साइबर क्राइम पोर्टल पर शिकायत दर्ज करना.</p>
<h2 style="text-align: justify;"><strong>अगर आपको ऐसा ईमेल मिले तो क्या करें?</strong></h2>
<p style="text-align: justify;"><strong>घबराएं नहीं:</strong> यह केवल आपको डराने और धोखा देने का एक प्रयास है.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>लिंक पर क्लिक न करें और कोई जानकारी साझा न करें:</strong> ऐसे फर्जीवाड़े का उद्देश्य आपकी व्यक्तिगत जानकारी चुराना या आपके डिवाइस में मैलवेयर डालना होता है.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>रिपोर्ट करें:</strong> इस ईमेल को cybercrime.gov.in, भारत के आधिकारिक साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल पर भेजें. सतर्क रहें और इस तरह के फर्जीवाड़ों से खुद को बचाएं.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>यह भी पढ़ें:</strong></p>
<p style="text-align: justify;"><strong><a href=" आपके पास भी आ रही है Fake Call तो बस फॉलो करें ये गाइडलाइन!</a></strong></p>
Scammers की नई चाल! फर्जी कोर्ट ऑर्डर Email से लोगों को लगा रहे चूना, सरकार ने दी चेतावनी
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