Influencers की बढ़ी टेंशन! अब ऑनलाइन ज्ञान देने से पहले जान लें SEBI का नया नियम

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<p style="text-align: justify;"><strong>SEBI New Rule:</strong> भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने फिनइन्फ्लुएंसर्स (Finfluencers) पर शिकंजा कसते हुए एक नए नियम के तहत लाइव स्टॉक मार्केट डेटा के उपयोग पर सख्त पाबंदी लगा दी है. 29 जनवरी 2025 को जारी किए गए सर्कुलर के अनुसार, अब कोई भी स्टॉक मार्केट एजुकेटर केवल तीन महीने पुराने स्टॉक प्राइस डेटा का ही उपयोग कर सकेगा. इसका उद्देश्य उन लोगों को रोकना है जो शिक्षा के नाम पर निवेश से जुड़े सुझाव देकर निवेशकों को प्रभावित कर रहे थे.</p>
<h2 style="text-align: justify;"><strong>SEBI के नए नियम क्या हैं</strong></h2>
<p style="text-align: justify;">SEBI ने स्पष्ट किया है कि शेयर बाजार की शिक्षा देने वाले व्यक्ति को तीन महीने से कम पुराने स्टॉक प्राइस दिखाने या उनकी चर्चा करने की अनुमति नहीं होगी. यह प्रतिबंध रियल-टाइम प्राइस डेटा, स्टॉक नाम, कोड नाम या किसी भी ऐसी सामग्री पर लागू होगा जो निवेश की सिफारिश का संकेत देती हो.</p>
<p style="text-align: justify;">SEBI सर्कुलर में कहा गया है कि "अगर कोई व्यक्ति केवल शिक्षा में संलग्न है, तो इसका अर्थ है कि वह दो प्रतिबंधित गतिविधियों में से किसी में भी संलग्न नहीं है." इसका मतलब है कि कोई भी अनधिकृत व्यक्ति स्टॉक मार्केट एडवाइज़री नहीं दे सकता, भले ही वह इसे "शिक्षा" का नाम दे.</p>
<h2 style="text-align: justify;"><strong>Finfluencers पर क्या असर पड़ेगा?</strong></h2>
<p style="text-align: justify;">SEBI का यह फैसला उन सोशल मीडिया आधारित फिनइन्फ्लुएंसर्स के लिए झटका साबित हो सकता है, जो लाइव मार्केट अपडेट और ट्रेडिंग टिप्स के जरिए फॉलोअर्स बनाते थे. इससे पहले, अक्टूबर 2024 में SEBI ने एक और सर्कुलर जारी किया था, जिसमें पंजीकृत वित्तीय संस्थानों को अनधिकृत वित्तीय प्रभावकों (finfluencers) के साथ जुड़ने से रोक दिया गया था. अब इस नए नियम से यह सुनिश्चित हो गया है कि फिनइन्फ्लुएंसर्स "शिक्षा" के नाम पर भी अनधिकृत ट्रेडिंग सलाह नहीं दे पाएंगे.</p>
<h2 style="text-align: justify;"><strong>SEBI सर्कुलर की मुख्य बातें</strong></h2>
<p style="text-align: justify;"><strong>बिना प्रमाणित निवेश सलाह की अनुमति नहीं &ndash;</strong> केवल SEBI द्वारा पंजीकृत पेशेवर ही स्टॉक मार्केट से जुड़ी सलाह दे सकते हैं.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>झूठे वादे प्रतिबंधित &ndash;</strong> कोई भी व्यक्ति गारंटीड प्रॉफिट या निश्चित रिटर्न का दावा नहीं कर सकता, जब तक कि SEBI इसकी अनुमति न दे.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>कंपनियां भी होंगी जिम्मेदार &ndash;</strong> अगर कोई वित्तीय कंपनी ऐसे लोगों के साथ काम करती है जो झूठे दावे कर रहे हैं, तो SEBI उसे भी जवाबदेह ठहराएगा.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>शिक्षा की अनुमति, लेकिन गुप्त सलाह नहीं &ndash;</strong> स्टॉक मार्केट की शिक्षा देना ठीक है, लेकिन इसी बहाने निवेश की सलाह देना या भविष्यवाणियां करना सख्त मना है.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>विज्ञापन पारदर्शी होने चाहिए &ndash;</strong> SEBI से पंजीकृत संस्थाएं किसी भी फिनइन्फ्लुएंसर के साथ विज्ञापन साझेदारी या प्रमोशनल डील नहीं कर सकतीं.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>गुप्त सौदे प्रतिबंधित &ndash;</strong> पैसे, रेफरल या कस्टमर डेटा के गुप्त लेन-देन पर भी रोक लगा दी गई है.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>कड़ी कार्रवाई का प्रावधान &ndash;</strong> नए नियमों का उल्लंघन करने पर जुर्माना, निलंबन या SEBI पंजीकरण रद्द किया जा सकता है.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>नियम पहले से लागू हैं &ndash;</strong> ये प्रतिबंध 29 अगस्त 2024 से प्रभावी हैं, और कंपनियों को जनवरी 2025 तक अनुपालन करना था.</p>
<h2 style="text-align: justify;"><strong>SEBI को क्यों उठाने पड़े ये कदम?</strong></h2>
<p style="text-align: justify;">YouTube, Instagram, और Telegram जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर फिनइन्फ्लुएंसर्स तेजी से लोकप्रिय हो गए हैं. हालांकि, इनमें से कई "एजुकेशन" के नाम पर स्टॉक टिप्स बेचते हैं और निवेशकों को गुमराह करते हैं. SEBI ने पाया कि कई फिनइन्फ्लुएंसर्स पेड मेंबरशिप, कोर्स और निजी ग्रुप्स के जरिए निवेशकों को स्टॉक टिप्स बेच रहे थे, जिससे छोटे निवेशकों को नुकसान हो रहा था. इस सख्त कार्रवाई का मकसद ऐसे अनियमित निवेश सलाहकारों को रोकना और बाजार की पारदर्शिता बनाए रखना है.</p>
<h2 style="text-align: justify;"><strong>फिनइन्फ्लुएंसर इंडस्ट्री पर असर</strong></h2>
<p style="text-align: justify;">इन नए नियमों के बाद, कई फिनइन्फ्लुएंसर्स को अपनी रणनीति बदलनी होगी. लाइव स्टॉक डेटा का इस्तेमाल नहीं कर पाने से, उनके कंटेंट की लोकप्रियता घट सकती है. अगर वे SEBI के दिशानिर्देशों का पालन करना चाहते हैं, तो उन्हें या तो SEBI पंजीकरण प्राप्त करना होगा या पूरी तरह से अपने कंटेंट का फोकस बदलना होगा. SEBI का यह कदम साफ करता है कि स्टॉक मार्केट की शिक्षा और निवेश सलाह के बीच स्पष्ट अंतर बनाए रखना जरूरी है. जो भी व्यक्ति, फिनइन्फ्लुएंसर या वित्तीय संस्थान इन नियमों का उल्लंघन करेगा, उसे SEBI की कड़ी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा.</p>
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