<p style="text-align: justify;"><strong>Cyber Fraud:</strong> मुंबई के वर्ली इलाके में रहने वाले 28 वर्षीय कॉर्पोरेट कर्मचारी एक नए "अवैध पार्सल" घोटाले का शिकार हो गए. उन्हें अज्ञात लोगों के फोन आए, जिन्होंने खुद को कानूनी एजेंसियों के अधिकारी बताया. इन जालसाजों ने पीड़ित को यह यकीन दिलाया कि उनके नाम से एक अवैध पार्सल जब्त किया गया है और वे मनी लॉन्ड्रिंग केस में फंस गए हैं. धमकियों और लगातार कॉल्स के जरिए ठगों ने 11 लाख रुपये ठग लिए.</p>
<h2 style="text-align: justify;"><strong>कैसे हुआ साइबर फ्रॉड?</strong></h2>
<p style="text-align: justify;"><strong>फर्जी पार्सल का झांसा</strong></p>
<p style="text-align: justify;">सब कुछ तब शुरू हुआ जब पीड़ित को मुंबई पोस्ट ऑफिस की अधिकारी बताने वाली एक महिला का फोन आया. उसने बताया कि उनके नाम पर एक संदिग्ध पार्सल जब्त किया गया है, जिसमें छह पासपोर्ट, कई एटीएम कार्ड, एक लैपटॉप और 150 ग्राम MDMA (ड्रग्स) मिला है.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>साइबर क्राइम अधिकारी बनकर डराया</strong></p>
<p style="text-align: justify;">जब पीड़ित ने किसी भी पार्सल से इनकार किया, तो कॉल को एक साइबर क्राइम अधिकारी के पास ट्रांसफर कर दिया गया. फिर, जालसाजों ने खुद को CBI, ED और मुंबई साइबर क्राइम अधिकारी बताते हुए मामले को गंभीर बना दिया.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>वीडियो कॉल और नकली दस्तावेज से फंसाया</strong></p>
<p style="text-align: justify;">ठगों ने वीडियो कॉल के जरिए पुलिस वर्दी पहने एक व्यक्ति को दिखाया, जिसने खुद को वरिष्ठ अधिकारी बताया और पीड़ित को हाई-प्रोफाइल मनी लॉन्ड्रिंग केस में फंसने की धमकी दी. इसके अलावा, तीन फर्जी कानूनी पत्र भेजे गए, जिनमें जाली सील और केस की डिटेल्स थीं.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>पैसे ट्रांसफर करवाए</strong></p>
<p style="text-align: justify;">एक व्यक्ति, जिसने खुद को IPS अधिकारी बल सिंह राजपूत बताया, ने पीड़ित को "एस्क्रो अकाउंट" में पैसे ट्रांसफर करने का आदेश दिया. 5 लाख रुपये की फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) तुड़वाकर कैनरा बैंक से भेजे. 99,000 रुपये बंधन बैंक के खाते में ट्रांसफर किए. 10 लाख रुपये फेडरल बैंक के खाते में भेजे</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>ठगी का अहसास और शिकायत दर्ज</strong></p>
<p style="text-align: justify;">जब पीड़ित ने कुल 11 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए और वापस कॉल करने की कोशिश की, तो कोई जवाब नहीं मिला. तब जाकर उन्हें एहसास हुआ कि वे ठगी का शिकार हो चुके हैं. इसके बाद उन्होंने साइबर हेल्पलाइन (1930) और मुंबई पुलिस में शिकायत दर्ज कराई.</p>
<h2 style="text-align: justify;"><strong>ऐसे फ्रॉड से बचाव कैसे करें?</strong></h2>
<p style="text-align: justify;">इस तरह की ठगी कोई नई नहीं है. पिछले कुछ महीनों में कई लोग लाखों और करोड़ों रुपये इस स्कैम में गंवा चुके हैं. भारत सरकार लगातार एडवाइजरी जारी कर रही है, लेकिन ठग नए-नए तरीके अपनाकर लोगों को फंसा रहे हैं.</p>
<h2 style="text-align: justify;"><strong>ध्यान रखने योग्य बातें</strong></h2>
<ul style="text-align: justify;">
<li>कोई भी सरकारी एजेंसी फोन या मैसेज पर बैंक डिटेल या पैसे ट्रांसफर करने को नहीं कहेगी.</li>
<li>ऐसे किसी भी कॉल को तुरंत काट दें.</li>
<li>अगर कॉल असली लगती है, तो ऑफिशियल चैनलों से पुष्टि करें.</li>
<li>किसी अनजान व्यक्ति से बैंक डिटेल, पासवर्ड या OTP साझा न करें.</li>
<li>कोई भी संदेह हो तो नंबर ब्लॉक करें और रिपोर्ट करें.</li>
</ul>
<p style="text-align: justify;"><strong>यह भी पढ़ें:</strong></p>
<p style="text-align: justify;"><strong><a href=" Reels पर 10K व्यूज आने पर कितनी होती है कमाई! जानें क्या होता है प्रोसेस</a></strong></p>
ठगों का नया तरीका! Fake Call के जरिए मुबंई के युवक ने गंवाए 11 लाख रुपये
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