<p style="text-align: justify;"><strong>Artificial Intelligence:</strong> आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) अब सिर्फ छोटे-मोटे दफ्तर के कामों तक सीमित नहीं रहा. अब यह पूरी इंडस्ट्रीज की तस्वीर बदल रहा है. हाल ही में आई रिपोर्ट्स का दावा है कि आने वाले 5 वर्षों में दुनियाभर की करीब 40% नौकरियों पर AI का असर पड़ेगा. कुछ प्रोफाइल्स धीरे-धीरे बदलेंगी लेकिन कई नौकरियाँ पूरी तरह गायब भी हो सकती हैं. खास बात ये है कि महिलाओं से जुड़ी नौकरियों पर इसका ज़्यादा असर दिख सकता है. हालांकि एक्सपर्ट्स मानते हैं कि ये बदलाव नई नौकरियों के रास्ते भी खोल सकता है.</p>
<h2 style="text-align: justify;"><strong>AI से बदलेगा उद्योगों का चेहरा</strong></h2>
<p style="text-align: justify;">संयुक्त राष्ट्र व्यापार और विकास सम्मेलन (UNCTAD) के अनुसार, AI को अपनाने की रफ्तार तेज़ है. McKinsey की रिपोर्ट बताती है कि ऑटोमेशन के चलते जॉब्स में बड़ा फेरबदल हो सकता है यह इस बात पर निर्भर करेगा कि कंपनियाँ कितनी जल्दी AI टूल्स को अपनाती हैं.</p>
<h2 style="text-align: justify;"><strong>इन 8 नौकरियों पर मंडरा रहा है खतरा</strong></h2>
<h3 style="text-align: justify;"><strong>ह्यूमन रिसोर्स (HR)</strong></h3>
<p style="text-align: justify;">अब CV छांटना हो या इंटरव्यू डेटा का विश्लेषण AI ये सब कर रहा है. IBM जैसी कंपनियाँ तो कुछ HR स्टाफ की जगह AI को पहले ही काम पर लगा चुकी हैं.</p>
<h3 style="text-align: justify;"><strong>ड्राइवर और डिलीवरी वर्कर्स</strong></h3>
<p style="text-align: justify;">सेल्फ-ड्राइविंग तकनीक तेज़ी से आगे बढ़ रही है. हालांकि भारत में अभी इसके लिए नीति और ढांचा तैयार नहीं है, लेकिन ग्लोबली ये सेक्टर तेज़ी से ऑटोमेट हो रहा है.</p>
<h3 style="text-align: justify;"><strong>एंट्री-लेवल कोडर्स</strong></h3>
<p style="text-align: justify;">No-code और Low-code टूल्स की वजह से शुरुआती लेवल के प्रोग्रामिंग जॉब्स खतरे में हैं. Google और OpenAI जैसे दिग्गज AI से साधारण कोडिंग ऑटोमेट कर रहे हैं.</p>
<h3 style="text-align: justify;"><strong>साइबरसिक्योरिटी एनालिस्ट्स</strong></h3>
<p style="text-align: justify;">AI अब हैकिंग और साइबर डिफेंस दोनों में उपयोग हो रहा है. साइबर हमले और सुरक्षा दोनों में इंसानों की भूमिका कम होती जा रही है.</p>
<h3 style="text-align: justify;"><strong>सेल्स रिप्रेजेंटेटिव्स</strong></h3>
<p style="text-align: justify;">Klarna जैसी कंपनियों ने AI असिस्टेंट के जरिए करोड़ों ग्राहक बातचीत संभाली है. इससे सैकड़ों कर्मचारियों की जगह AI ने ले ली.</p>
<h3 style="text-align: justify;"><strong>रिटेल और रेस्टोरेंट कर्मचारी</strong></h3>
<p style="text-align: justify;">कई मेट्रो शहरों में रोबोट वेटर और सेल्फ-चेकआउट सिस्टम आ चुके हैं. McDonald’s और Decathlon जैसे ब्रांड इसे तेजी से अपना रहे हैं.</p>
<h3 style="text-align: justify;"><strong>ऑफिस राइटर्स</strong></h3>
<p style="text-align: justify;">ईमेल, रिपोर्ट और मीटिंग नोट्स जैसी लिखने की जिम्मेदारियाँ अब AI निभा रहा है. Zoom जैसे प्लेटफॉर्म्स पर CEO अब AI अवतार में सामने आ रहे हैं.</p>
<h3 style="text-align: justify;"><strong>मार्केटिंग प्रोफेशनल्स</strong></h3>
<p style="text-align: justify;">सोशल मीडिया पोस्ट, विज्ञापन डिज़ाइन और डेटा एनालिटिक्स अब AI मिनटों में कर रहा है जहां पहले पूरी टीमें लगती थीं.</p>
<h2 style="text-align: justify;"><strong>नई नौकरियां भी होंगी पैदा</strong></h2>
<p style="text-align: justify;">ये बदलाव जितना डरावना लगता है, उतना ही संभावनाओं से भरा हुआ भी है. Goldman Sachs की रिपोर्ट के अनुसार, ज़्यादातर जॉब्स पूरी तरह खत्म नहीं होंगे बल्कि उनका स्वरूप बदलेगा. रिसर्च ये भी बताती है कि आज की 60% नौकरियां 1940 के दशक में थीं ही नहीं. मतलब साफ है AI नौकरियां छीन नहीं रहा बल्कि उन्हें नया रूप दे रहा है.</p>
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