400 किमी तक दुश्मन का काल बनेगा 'कुशा'! भारत का ये नया एयर डिफेंस सिस्टम बढ़ाएगा दुश्मन की चिंता, जानें कब होगी सेना में एंट्री

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<p style="text-align: justify;"><strong>Kusha Air Defence System:</strong> भारत की वायु सुरक्षा को और मज़बूती देने के लिए DRDO (रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन) ने एक अत्याधुनिक स्वदेशी वायु रक्षा प्रणाली &lsquo;कुशा&rsquo; विकसित करने का कार्य शुरू कर दिया है. इस सिस्टम के तीन अलग-अलग वेरिएंट बनाए जा रहे हैं जिनकी परीक्षण प्रक्रिया अगले कुछ वर्षों में शुरू होने की उम्मीद है. इस प्रणाली को 2030 तक भारतीय सशस्त्र बलों में शामिल किया जा सकता है.</p>
<h2 style="text-align: justify;"><strong>क्या है ‘कुशा’ एयर डिफेंस सिस्टम?</strong></h2>
<p style="text-align: justify;">&lsquo;कुशा&rsquo; एक मल्टी-लेयर एयर डिफेंस प्रोग्राम है जिसे ड्रोन, लोइटरिंग म्यूनिशन, क्रूज़ मिसाइल और अत्याधुनिक लड़ाकू विमानों जैसी आधुनिक हवाई चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार किया जा रहा है. यह पूरी तरह से स्वदेशी तकनीक पर आधारित है और इसमें 90% से अधिक भारतीय घटक शामिल होंगे.</p>
<h2 style="text-align: justify;"><strong>तीन वेरिएंट होंगे शामिल</strong></h2>
<h3 style="text-align: justify;"><strong>कुशा M1 (शॉर्ट रेंज एयर डिफेंस सिस्टम – SRADS)</strong></h3>
<p style="text-align: justify;">यह वेरिएंट पुराने हो चुके L70 और ZU-23-2B एंटी-एयरक्राफ्ट गन की जगह लेगा. इसका मुख्य उद्देश्य महत्वपूर्ण सैन्य ठिकानों को ड्रोन, UAV और लोइटरिंग हथियारों जैसे खतरों से बचाना है. इसका परीक्षण सितंबर 2025 तक शुरू होने की उम्मीद है और इसे 2028 तक सेना में शामिल किया जा सकता है.</p>
<h3 style="text-align: justify;"><strong>कुशा M2 (मीडियम रेंज सरफेस-टू-एयर मिसाइल सिस्टम – MRSAM)</strong></h3>
<p style="text-align: justify;">M2 वेरिएंट मौजूदा Pechora मिसाइल सिस्टम की जगह लेगा और अधिक रेंज तथा ज्यादा प्रकार के हवाई खतरों का सामना करने में सक्षम होगा. इसका परीक्षण 2026 में शुरू होने की संभावना है.</p>
<h3 style="text-align: justify;"><strong>कुशा M3 (लॉन्ग रेंज एयर डिफेंस सिस्टम – LRADS)</strong></h3>
<p style="text-align: justify;">यह वेरिएंट भारत की लंबी दूरी की वायु सुरक्षा प्रणाली को और सशक्त करेगा और S-400, आकाश और बराक-8 जैसे मौजूदा सिस्टम्स को सपोर्ट करेगा. यह सिस्टम 400 किलोमीटर दूर तक दुश्मन की मिसाइल या विमान को मार गिराने में सक्षम होगा. इसका परीक्षण 2027 में शुरू हो सकता है.</p>
<h2 style="text-align: justify;"><strong>कब होगी सेना में तैनाती?</strong></h2>
<p style="text-align: justify;">रक्षा मंत्रालय से जुड़े सूत्रों के अनुसार, इन तीनों सिस्टम्स का विकास चरण 2025 से 2027 के बीच पूरा होने की संभावना है और अगर सब कुछ योजना के मुताबिक रहा तो इन्हें 2030 तक भारतीय सेना में आधिकारिक रूप से शामिल कर लिया जाएगा. ‘कुशा’ सिस्टम भारत की आत्मनिर्भर रक्षा क्षमता की दिशा में एक बड़ी छलांग है जो भविष्य के किसी भी हवाई खतरे से निपटने के लिए सेना को पहले से कहीं अधिक ताकतवर बनाएगा.</p>
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