<p style="text-align: justify;"><strong>Fake Parivahan App Scam:</strong> देश में एक नया साइबर घोटाला तेज़ी से फैल रहा है जिसमें ‘परिवहन सॉफ्टवेयर’ के नाम पर लोगों को निशाना बनाया जा रहा है. कोच्चि साइबर क्राइम पुलिस ने इस स्कैम से जुड़े एक गिरोह को उत्तर प्रदेश के वाराणसी से गिरफ्तार किया है. आरोप है कि ये लोग WhatsApp के ज़रिए फर्जी APK (Android Package) फाइल भेजकर लोगों से ठगी कर रहे थे.</p>
<h2 style="text-align: justify;"><strong>कैसे काम करता था ये स्कैम?</strong></h2>
<p style="text-align: justify;">गिरोह के सदस्य खुद को परिवहन विभाग का अधिकारी बताकर व्हाट्सएप पर लोगों को मैसेज भेजते थे. वे दावा करते थे कि आपके वाहन पर भारी चालान बकाया है और उसे चुकाने के लिए दिए गए लिंक से ऐप डाउनलोड करें. दरअसल, वह लिंक एक नकली APK फाइल होता था जो फोन में घुसपैठ करके आपकी बैंक डिटेल्स चुरा लेता था.</p>
<p style="text-align: justify;">SPMC की रिपोर्ट के अनुसार, आरोपियों ने टेलीग्राम बॉट के ज़रिए गाड़ियों की जानकारी इकट्ठा की थी. इस जालसाजी में एक 16 वर्षीय किशोर भी शामिल था जिसने फर्जी APK ऐप तैयार किया. इस गिरोह के खिलाफ कार्रवाई तब शुरू हुई जब एर्नाकुलम निवासी एक व्यक्ति ने राष्ट्रीय साइबर रिपोर्टिंग पोर्टल (NCRP) पर शिकायत दर्ज कराई. पीड़ित ने 85,000 रुपये की ठगी की बात कही थी. आरोपियों के फोन से 2,700 से ज्यादा गाड़ियों का डाटा मिला है जिनमें केरल, गुजरात, कर्नाटक, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल के वाहन शामिल हैं.</p>
<h2 style="text-align: justify;"><strong>कैसे बचें इस तरह के स्कैम से?</strong></h2>
<p style="text-align: justify;"><strong>अनजान स्रोत से ऐप न करें डाउनलोड:</strong> किसी भी ऐप को इंस्टॉल करने से पहले उसकी विश्वसनीयता जांचें. अज्ञात लिंक या कॉल पर भरोसा न करें.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>केवल ऑफिशियल ऐप स्टोर का इस्तेमाल करें:</strong> Google Play Store या Apple App Store जैसे भरोसेमंद प्लेटफॉर्म से ही ऐप डाउनलोड करें.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>फोन को समय-समय पर रीस्टार्ट करते रहें:</strong> इससे कई हानिकारक प्रक्रियाएं बंद हो सकती हैं.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>बैंक में संदिग्ध लेनदेन दिखे तो तुरंत सूचना दें:</strong> तुरंत बैंक को सूचित करें और साइबर क्राइम हेल्पलाइन 1930 पर कॉल करें या cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज करें.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>बैंक से जुड़े मैसेज या कॉल आएं तो खुद बैंक से संपर्क करें:</strong> कभी भी किसी WhatsApp लिंक या मैसेज पर सीधे भरोसा न करें. हमेशा बैंक के आधिकारिक नंबर पर ही संपर्क करें.</p>
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