<p style="text-align: justify;"><strong>Internet:</strong> इंटरनेट पर हमारी पर्सनल जानकारी रोज़ाना किसी न किसी सर्वर पर रहती है फोन नंबर, फोटो, पासवर्ड, बैंक नोटिफिकेशन और बहुत कुछ. अगर इन्हें सही तरीके से न संभाला जाए तो हैकर्स के लिए इनका फायदा उठाना आसान हो जाता है. पर डरने की ज़रूरत नहीं. नीचे दिए गए 5 सीक्रेट और असरदार स्टेप्स अपनाकर आप अपनी डिजिटल पहचान और डेटा को बहुत हद तक नजरअंदाज़ होने लायक बना सकते हैं.</p>
<h2 style="text-align: justify;">कम से कम डेटा साझा करें</h2>
<p style="text-align: justify;">हम अक्सर फॉर्म भरते वक़्त अनावश्यक जानकारी दे देते हैं: जन्मतिथि, माता-पिता का नाम, पुराना पता. इन छोटी-छोटी चीज़ों से भी हैकर्स आपकी पहचान बना सकते हैं. जब भी कोई साइट या ऐप मांगे, सोच-समझकर दें क्या यह जानकारी वाकई ज़रूरी है? अगर नहीं चाहिए तो छोड़ दें या N/A भर दें. सोशल अकाउंट्स पर सिर्फ जरूरी जानकारियाँ ही रखें और सार्वजनिक प्रोफाइल को सीमित करें.</p>
<h2 style="text-align: justify;">मजबूत पासवर्ड और पासवर्ड मैनेजर का इस्तेमाल</h2>
<p style="text-align: justify;">“123456” और “password” अब पुरानी बातें हैं. हर अकाउंट के लिए लंबा, यूनिक और यादगार पासवर्ड बनाएं जिसमें बड़े-छोटे अक्षर, नंबर और स्पेशल कैरेक्टर हों. पासवर्ड मैनेजर (जैसे LastPass, 1Password) का इस्तेमाल करें ये आपके सारे पासवर्ड सिक्योरली स्टोर कर देते हैं और हर साइट के लिए अलग पासवर्ड जेनरेट कर सकते हैं. दो-फ़ैक्टर ऑथेंटिकेशन (2FA) भी ऑन रखें यह आपका पहला सुरक्षा दरवाज़ा टूटने पर दूसरा किला बन जाता है.</p>
<h2 style="text-align: justify;">डेटा एन्क्रिप्शन अपनाएं</h2>
<p style="text-align: justify;">अगर आप वाकई चाहते हैं कि आपकी फ़ाइलें और मैसेजेस किसी भी हालत में पढ़ी न जा सकें तो उन्हें एन्क्रिप्ट करें. कुछ क्लाउड सर्विसेस और मैसेजिंग ऐप्स एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन देते हैं उन्हें प्राथमिकता दें. अपने कंप्यूटर पर संवेदनशील फाइलों के लिए पासवर्ड-प्रोटेक्टेड ज़िप या एन्क्रिप्शन सॉफ़्टवेयर का उपयोग करें. एन्क्रिप्शन मतलब डेटा तब तक बेकार है जब तक सही की न हो.</p>
<h2 style="text-align: justify;">नियमित रूप से डिजिटल कचरा साफ़ करें</h2>
<p style="text-align: justify;">पुराने अकाउंट्स, बिना इस्तेमाल वाले ऐप्स और अनदेखी हुई फाइलें जोखिम बन सकती हैं. साल में कम से कम एक बार अपने ईमेल, सोशल मीडिया और क्लाउड स्टोरेज की सफाई करें. जो सेविंग्स, तस्वीरें या डॉक्युमेंट्स ज़रूरी नहीं हैं उन्हें सुरक्षित तरीके से डिलीट कर दें. किसी भी डिवाइस को बेचने या देने से पहले फ़ैक्ट्री रिसेट करें और स्टोरेज को पूरी तरह ओवरराइट करें ताकि डेटा रिकवर न हो सके.</p>
<h2 style="text-align: justify;">सतर्क रहें</h2>
<p style="text-align: justify;">हैकर्स का सबसे बड़ा हथियार है आपकी लापरवाही. संदिग्ध ईमेल, अनजाने लिंक, और अटैचमेंट्स पर क्लिक मत करें. बैंक या सर्विस प्रोवाइडर कभी पासवर्ड ईमेल में नहीं भेजते अगर ऐसा कोई संदेश मिले तो सीधे आधिकारिक वेबसाइट या कस्टमर सपोर्ट से संपर्क करें. ब्राउज़र और ऑपरेटिंग सिस्टम अपडेट्स को इग्नोर न करें वे सुरक्षा के लिए ज़रूरी पैच लाते हैं.</p>
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