Google का बड़ा अलर्ट! टॉप अधिकारियों को मिला फिरौती का नोटिस, जानिए क्या है पूरा मामला

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<p style="text-align: justify;"><strong>Google Alert:</strong> टेक्नोलॉजी की दुनिया पर एक बार फिर बड़ा खतरा मंडरा रहा है. Alphabet Inc. की Google ने चेतावनी दी है कि हैकर्स अब अलग-अलग कंपनियों के वरिष्ठ अधिकारियों को निशाना बना रहे हैं. इन अधिकारियों को ऐसे मेल भेजे जा रहे हैं जिनमें दावा किया गया है कि उन्होंने Oracle E-Business Suite से संवेदनशील डेटा चुरा लिया है और अगर फिरौती नहीं दी गई तो ये डेटा सार्वजनिक कर दिया जाएगा. सबसे चिंताजनक बात यह है कि इन मेल्स का संबंध कुख्यात Clop रैंसमवेयर ग्रुप से जोड़ा जा रहा है जो पहले भी बड़े साइबर हमले कर चुका है.</p>
<h2 style="text-align: justify;">कैसे हो रहा है धमकी भरा हमला</h2>
<p style="text-align: justify;">गूगल के मुताबिक, हैकर्स ईमेल के ज़रिए कंपनियों के टॉप अधिकारियों को यह कहकर डराने की कोशिश कर रहे हैं कि उनके पास वित्तीय और ऑपरेशनल डेटा मौजूद है. हालांकि गूगल ने साफ किया है कि अब तक ऐसा कोई सबूत नहीं मिला है जिससे यह साबित हो सके कि वास्तव में कोई डेटा चोरी हुआ है. माना जा रहा है कि यह केवल कंपनियों को डराकर पैसा वसूलने की साज़िश है. फिलहाल गूगल ने यह जानकारी साझा नहीं की है कि कितनी कंपनियां या किन अधिकारियों को ऐसे मेल मिले हैं.</p>
<h2 style="text-align: justify;">क्यों है यह खतरा गंभीर</h2>
<p style="text-align: justify;">दुनियाभर की बड़ी कंपनियां Oracle E-Business Suite का इस्तेमाल करती हैं जिसमें उनका अहम वित्तीय और परिचालन संबंधी डेटा सुरक्षित रहता है. अगर वास्तव में यह डेटा लीक होता है या इसके लीक होने की खबर फैलती है तो कंपनियों को भारी आर्थिक नुकसान और ब्रांड वैल्यू पर गहरा असर झेलना पड़ सकता है.</p>
<p style="text-align: justify;">विशेषज्ञों का कहना है कि कई बार हैकर्स के पास कोई असली डेटा नहीं होता, वे सिर्फ़ धमकी देकर कंपनियों से पैसा वसूलने की कोशिश करते हैं. कई कंपनियां अपनी साख बचाने के लिए फिरौती चुका भी देती हैं जिससे ऐसे साइबर अपराधियों का हौसला और बढ़ जाता है.</p>
<h2 style="text-align: justify;">बचाव के तरीके</h2>
<ul style="text-align: justify;">
<li>गूगल और साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट्स का मानना है कि कंपनियों को तुरंत सतर्क होने की ज़रूरत है.</li>
<li>कर्मचारियों को फ़िशिंग और स्पैम ईमेल की पहचान करना सिखाया जाए.</li>
<li>नेटवर्क सिक्योरिटी और डेटा एन्क्रिप्शन की नियमित जांच की जाए.</li>
<li>संगठन में मल्टी-लेयर सिक्योरिटी प्रोटोकॉल लागू किए जाएं ताकि ऐसे साइबर हमलों से बचा जा सके.</li>
</ul>
<p style="text-align: justify;">यह पूरा मामला बताता है कि साइबर अपराधी अब सिर्फ डेटा चोरी नहीं कर रहे बल्कि उसके नाम पर कंपनियों को ब्लैकमेल कर भारी रकम ऐंठने की कोशिश कर रहे हैं.</p>
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