<p style="text-align: justify;"><strong>Satya Nadela on AI:</strong> टेक दुनिया में यह सवाल तेजी से उठ रहा है कि क्या आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एक दिन इंसानों की सभी नौकरियों की जगह ले लेगा. माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्य नडेला ने हाल ही में एक फायरसाइड चैट के दौरान इस चिंता का जवाब दिया और साफ कहा कि पूरी तरह AI द्वारा बनाई और संचालित कंपनियों का ख्याल अभी भी सिर्फ एक कल्पना है.</p>
<h2 style="text-align: justify;">AI पर नडेला का संतुलित नजरिया</h2>
<p style="text-align: justify;">नडेला ने बातचीत के दौरान हल्के अंदाज़ में हँसते हुए कहा कि ऐसी कंपनियां, जहां इंसान बिल्कुल न हों और पूरा काम AI खुद संभाल ले, सुनने में तो रोचक लगता है लेकिन हकीकत में यह अभी बहुत दूर की बात है. AI के महत्व को नडेला कम नहीं आंकते. माइक्रोसॉफ्ट इस समय टेक्नोलॉजी की सबसे बड़ी क्रांति से गुजर रहा है और AI इसका केंद्र है. इसके बावजूद उनका मानना है कि इंसानों की जरूरत कभी खत्म नहीं होगी.</p>
<h2 style="text-align: justify;">डेटा सेंटर का उदाहरण और इंसानी दिमाग की भूमिका</h2>
<p style="text-align: justify;">उन्होंने उन आधुनिक डेटा सेंटर्स का उदाहरण दिया जो एक बार शुरू होने के बाद लगभग खुद से चलते हैं. ये बड़े-बड़े सर्वर रूम अक्सर अंधेरे में मशीनों के सहारे चौबीसों घंटे काम करते रहते हैं. लेकिन नडेला ने याद दिलाया कि उन्हें इस लायक बनाने में इंजीनियरों और डिजाइनरों की सालों की मेहनत लगती है. यानी पर्दे के पीछे इंसानी सोच, योजना और निगरानी हमेशा जरूरी रहती है.</p>
<h2 style="text-align: justify;">ऑटोमेशन से बदलेगा काम का तरीका, नौकरियां नहीं</h2>
<p style="text-align: justify;">नडेला का अनुमान है कि अगले 5 से 10 सालों में ऑटोमेशन बेहद तेजी से बढ़ेगा और AI कई समय लेने वाले कार्यों को मिनटों में कर देगा. लेकिन इसका मतलब नौकरियों का अंत नहीं बल्कि काम करने के तरीके में बदलाव है. उनकी कल्पना में भविष्य ऐसा होगा जहां लोग AI को बड़े निर्देश देंगे और दिनभर के काम का बड़ा हिस्सा AI खुद पूरा करेगा. जब कहीं दिक्कत आएगी तभी वह इंसान से मार्गदर्शन मांगेगा.</p>
<h2 style="text-align: justify;">नडेला का सिद्धांत</h2>
<p style="text-align: justify;">नडेला इस मॉडल को “मैक्रो डेलीगेशन और माइक्रो स्टीयरिंग” कहते हैं. यानी बड़े-बड़े कार्य AI को सौंप देना और अंतिम नतीजों की दिशा इंसानी समझ से तय करना. यह मॉडल लोगों को बोझिल, दोहराव वाले कामों से मुक्त करेगा और उन्हें रचनात्मक व रणनीतिक सोच के लिए अधिक समय देगा.</p>
<h2 style="text-align: justify;">AI मददगार बनेगा, इंसान की जगह नहीं</h2>
<p style="text-align: justify;">नडेला ने यह भी बताया कि हर ऑटोमेटेड सिस्टम को बनाना, चलाना और सुधारना इंसानों के बिना संभव नहीं. इसी वजह से माइक्रोसॉफ्ट Copilot जैसे टूल्स में निवेश कर रहा है जिनका उद्देश्य काम को आसान बनाना है, इंसानों को बदलना नहीं. उनका संदेश साफ है AI काम को बेहतर बनाएगा लेकिन इंसानी संवेदनशीलता, समझ और निर्णय लेने की क्षमता हमेशा अहम रहेगी.</p>
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