भारत से मार खाने के बाद तुर्की के आगे गिड़गिड़ाया पाकिस्तान! इस खतरनाक हथियार की मांगी भीख, जानें कैसे रोकेगा हमला

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<p style="text-align: justify;"><strong>ALP-300G Radar System:</strong> ‘<a title="ऑपरेशन सिंदूर" href=" data-type="interlinkingkeywords">ऑपरेशन सिंदूर</a>’ के दौरान भारत से मिली जबरदस्त हार को पाकिस्तान भले ही दुनिया के सामने मानने से इनकार कर रहा हो और झूठी जीत का ढोल पीट रहा हो लेकिन सच्चाई ये है कि उसे अपने भारी नुकसान का अंदाजा है. भारतीय मिसाइलों, ड्रोन और अत्याधुनिक डिफेंस सिस्टम के आगे पाकिस्तानी सेना को पीछे हटने पर मजबूर होना पड़ा. इस ऑपरेशन ने दुनिया को &lsquo;मेक इन इंडिया&rsquo; हथियारों की ताकत दिखा दी. पाकिस्तान की हार की सबसे बड़ी वजह रही चीन पर उसका अंधा भरोसा. जिस चीनी हथियारों पर उसने सबसे ज्यादा विश्वास किया, वही मैदान में फेल हो गए. अब पाकिस्तानी सेना ड्रैगन को किनारे कर तुर्की की शरण में जा रही है.</p>
<h2 style="text-align: justify;"><strong>आखिर तुर्की से क्यों हथियार खरीद रहा है पाकिस्तान?</strong></h2>
<p style="text-align: justify;">भारत से हालिया टकराव के बाद पाकिस्तान अपने एयर डिफेंस सिस्टम को अपग्रेड करने में जुट गया है. इसी कड़ी में वो तुर्की से एक घातक रडार सिस्टम ALP-300G खरीदने की तैयारी कर रहा है. यह सिस्टम लंबी दूरी से खतरों को पहचानने में सक्षम है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, 8 से 10 मई के बीच भारत-पाक संघर्ष के दौरान पाकिस्तान का चीनी डिफेंस सिस्टम HQ-9 पूरी तरह फेल हो गया था. भारतीय मिसाइल और ड्रोन हमलों को यह समय पर पहचान ही नहीं सका. अब पाकिस्तान की वायुसेना तुर्की की डिफेंस कंपनी ASELSAN से बातचीत कर रही है जिससे ALP-300G रडार सिस्टम खरीदा जा सके जो सिर्फ 30 मिनट में तैनात किया जा सकता है.</p>
<h2 style="text-align: justify;"><strong>क्या है ALP-300G सिस्टम?</strong></h2>
<p style="text-align: justify;">ALP-300G एक लॉन्ग-रेंज एयर डिफेंस और अर्ली वॉर्निंग रडार सिस्टम है जो AESA और डिजिटल बीमफॉर्मिंग टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करता है. ये सिस्टम बैलिस्टिक मिसाइल, एंटी-रेडिएशन मिसाइल और स्टील्थ विमानों तक को ट्रैक कर सकता है. इसके मल्टी-चैनल बीम स्ट्रक्चर की मदद से यह एक साथ कई लक्ष्यों पर नजर रख सकता है.</p>
<p style="text-align: justify;">यह सिस्टम न केवल तेजी से तैनात होता है बल्कि इसे 10 टन वाले सामान्य ट्रक से भी ले जाया जा सकता है. यह NATO के एयर कमांड और कंट्रोल सिस्टम के साथ भी पूरी तरह संगत है और खराब मौसम में भी बिना रुकावट के काम कर सकता है.</p>
<h2 style="text-align: justify;"><strong>भारत को कितना सतर्क रहना चाहिए?</strong></h2>
<p style="text-align: justify;">पाकिस्तान का तुर्की से ये घातक तकनीक मंगवाना उसकी हार की स्वीकारोक्ति है लेकिन भारत के लिए यह संकेत भी है कि अगली बार पाकिस्तान ज्यादा तैयारी के साथ आएगा. ऐसे में भारत को भी अपनी सैन्य रणनीति को और मजबूत करने की जरूरत है ताकि हर मोर्चे पर वह हमेशा एक कदम आगे रहे.</p>
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