ईरान के पास कौन-कौन से हथियार हैं जिनसे वो इज़राइल पर पलटवार कर सकता है? ड्रोन्स, मिसाइल या न्यूक्लियर बम?

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<p style="text-align: justify;"><strong>Iran-Israel:</strong> इज़राइल द्वारा हाल ही में तेहरान समेत ईरान के कई इलाकों में किए गए हमलों में ईरानी परमाणु कार्यक्रम से जुड़े ठिकानों को निशाना बनाया गया. रिपोर्ट्स के अनुसार इन हमलों में ईरान के कई उच्च स्तरीय सैन्य अधिकारी और वैज्ञानिक मारे गए हैं. इसके जवाब में ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेज़ेश्कियान ने देश को संबोधित करते हुए चेतावनी दी कि इज़राइल को एक &ldquo;मजबूत और सोच-समझकर दिया गया&rdquo; जवाब मिलने वाला है. उन्होंने बताया कि इस हमले की प्रतिक्रिया में ईरान पहले ही 100 से अधिक ड्रोन लॉन्च कर चुका है.</p>
<h2 style="text-align: justify;"><strong>क्या ईरान न्यूक्लियर बम की दिशा में बढ़ सकता है?</strong></h2>
<p style="text-align: justify;">इज़राइल का दावा है कि उसका हमला ईरान को परमाणु हथियार बनाने से रोकने के लिए था. लेकिन विशेषज्ञों की मानें तो यह हमला अब ईरान को उस रास्ते पर और तेज़ी से ले जा सकता है. मिडिल ईस्ट इंस्टीट्यूट के केनेथ पोलैक के अनुसार, &ldquo;इज़राइल ने ऐसा कदम उठाया है जिससे ईरान अब अपने परमाणु हथियार कार्यक्रम पर खुलकर काम शुरू कर सकता है. अब वह हथियार बनाना शुरू कर सकता है.&rdquo;</p>
<p style="text-align: justify;">अटलांटिक काउंसिल के जोनाथन पैनिकॉफ का मानना है कि इज़राइल का हमला अब ईरान के लिए वह मोड़ साबित हो सकता है, जहां से उसे लगे कि अगर अब हथियार नहीं बनाए तो फिर कभी मौका नहीं मिलेगा. IAEA (इंटरनेशनल एटॉमिक एनर्जी एजेंसी) की ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार, ईरान ने 60% तक यूरेनियम समृद्ध किया है जो हथियार बनाने की तकनीकी सीमा (90%) से कुछ ही नीचे है. रिपोर्ट के अनुसार 17 मई 2025 तक ईरान के पास 9,247 किलोग्राम यूरेनियम और 408.6 किलोग्राम उच्च स्तर का समृद्ध यूरेनियम था.</p>
<h2 style="text-align: justify;"><strong>क्या ईरान के पास न्यूक्लियर बम बनाने की क्षमता है?</strong></h2>
<p style="text-align: justify;">वॉशिंगटन की एक रिपोर्ट बताती है कि 60% यूरेनियम का उपयोग करके ईरान के लिए परमाणु हथियार बनाना पूरी तरह संभव है. इज़राइली अधिकारियों का भी दावा है कि ईरान के पास नौ न्यूक्लियर बम बनाने लायक यूरेनियम मौजूद है और वो &ldquo;वेपनाइजेशन&rdquo; की दिशा में कदम उठा चुका है. हालांकि ईरान का कहना है कि उसका न्यूक्लियर कार्यक्रम केवल शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए है.</p>
<h2 style="text-align: justify;"><strong>ईरान न्यूक्लियर डील से बाहर निकल सकता है</strong></h2>
<p style="text-align: justify;">पोलैक का मानना है कि ईरान अब शायद परमाणु अप्रसार संधि (NPT) और 2015 की न्यूक्लियर डील से बाहर निकलने का रास्ता अपना सकता है. वे कहते हैं कि अब जब इज़राइल के हमले से ईरान आक्रोशित है, तो नई डील की संभावना बेहद कम है. हालांकि उनका यह भी सुझाव है कि ईरान के परमाणु खतरे को रोकने के लिए एक नई डील की &ldquo;आक्रामक कोशिश&rdquo; होनी चाहिए. AP की रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका और ईरान के बीच ओमान में छठे दौर की बातचीत होनी थी लेकिन हालात के चलते इसमें रुकावट आ सकती है.</p>
<h2 style="text-align: justify;"><strong>मिसाइल और ड्रोन हमले</strong></h2>
<p style="text-align: justify;">विशेषज्ञों का कहना है कि ईरान इज़राइल पर मिसाइल या ड्रोन से हमला करने की कोशिश कर सकता है. हालांकि, इज़राइल की "Iron Dome" डिफेंस सिस्टम को देखते हुए यह आसान नहीं होगा. अमेरिकी खुफिया एजेंसियों का कहना है कि ईरान के पास मध्य पूर्व का सबसे बड़ा बैलिस्टिक मिसाइल भंडार है और वह लगातार उनकी सटीकता और मारक क्षमता को बेहतर बना रहा है. 2024 की एक अमेरिकी मिलिट्री रिपोर्ट में बताया गया है कि ईरान के पास बड़ी संख्या में क्रूज़ मिसाइल, ड्रोन और बैलिस्टिक मिसाइलें हैं जो पूरे क्षेत्र को निशाना बना सकती हैं. 2022 में जनरल केनेथ मैकेंज़ी ने अमेरिकी सीनेट में बताया था कि ईरान के पास 3,000 से ज्यादा बैलिस्टिक मिसाइलें हैं, जिनमें से कई तेल अवीव तक पहुंच सकती हैं.</p>
<h2 style="text-align: justify;"><strong>क्या ईरान के पास हाइपरसोनिक मिसाइलें हैं?</strong></h2>
<p style="text-align: justify;">विश्लेषकों के अनुसार ईरान ने Fattah-1 जैसी हाइपरसोनिक मिसाइलें बनाई हैं जो उच्च गति पर उड़ान भर सकती हैं और बचाव प्रणाली को चकमा देने में सक्षम हैं. इन मिसाइलों में मीडियम रेंज सिस्टम, वारहेड डिकॉय, और पेनिट्रेशन एड्स जैसे एडवांस फीचर शामिल हैं जिससे ये इज़राइली डिफेंस को चकमा दे सकती हैं.</p>
<h2 style="text-align: justify;"><strong>साइबर हमला</strong></h2>
<p style="text-align: justify;">2023 में ईरान ने इज़राइल के कुछ अस्पतालों की बिजली काटकर एक सफल साइबर हमला किया था. पोलैक का कहना है कि ईरान एक बार फिर इसी तरह की रणनीति अपना सकता है. हालांकि अभी भी यह स्पष्ट नहीं है कि ईरान के पास साइबर हमलों में कितनी गहराई तक पहुंचने की क्षमता है और इज़राइल के सिस्टम में क्या कमज़ोरियां उसने खोजी हैं.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>यह भी पढ़ें:</strong></p>
<p style="text-align: justify;"><strong><a href=" का नया चेहरा! इज़रायल ने बनाया न दिखने वाला हथियार, दुश्मन को भनक तक नहीं लगेगी</a></strong></p>

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