<p style="text-align: justify;"><strong>Iran Weapon Technology:</strong> ईरान, एक ऐसा देश जो न सिर्फ मध्य पूर्व में सामरिक संतुलन का केंद्र बना हुआ है बल्कि वैश्विक स्तर पर भी अपने सैन्य विकास को लेकर सुर्खियों में रहता है. बीते कुछ वर्षों में ईरान ने हथियार तकनीक के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है जो केवल क्षेत्रीय नहीं बल्कि वैश्विक सुरक्षा के लिए भी चुनौती बनती जा रही है. आइए जानते हैं ऐसी पांच खतरनाक ईरानी हथियार तकनीकों के बारे में जो दुनिया को हिला सकती हैं.</p>
<h2 style="text-align: justify;"><strong>शेहद-136 कामिकाज़ी ड्रोन (Shahed-136 Kamikaze Drone)</strong></h2>
<p style="text-align: justify;">यह आत्मघाती ड्रोन, ईरान की सबसे चर्चित तकनीकों में से एक बन चुका है. रूस-यूक्रेन युद्ध में इसका इस्तेमाल देख कर पूरी दुनिया इसकी मारक क्षमता से चौंक गई. यह ड्रोन दुश्मन के ठिकानों पर लंबी दूरी से निशाना साधता है और टकराकर विस्फोट करता है. इसकी लागत कम और असर ज़्यादा है जो इसे खतरनाक बनाता है.</p>
<h2 style="text-align: justify;"><strong>फतेह-110 और जुल्फिकार बैलिस्टिक मिसाइलें</strong></h2>
<p style="text-align: justify;">ईरान की बैलिस्टिक मिसाइल तकनीक वर्षों से अमेरिका और इजराइल के लिए चिंता का विषय रही है. फतेह-110 और जुल्फिकार जैसी मिसाइलें सटीकता के साथ 300 से 700 किलोमीटर तक वार कर सकती हैं. ये मिसाइलें मोबाइल लॉन्चर्स से दागी जा सकती हैं जिससे इनका ट्रैक करना मुश्किल होता है.</p>
<h2 style="text-align: justify;"><strong>ईरानी अंडरग्राउंड मिसाइल सिटी (Missile Cities)</strong></h2>
<p style="text-align: justify;">ईरान ने भूमिगत सुरंगों में ‘मिसाइल शहर’ तैयार किए हैं, जहां सैकड़ों मिसाइलें और लॉन्चर छुपा कर रखे गए हैं. ये ठिकाने दुश्मन के सैटेलाइट्स की नज़रों से बचते हैं और अचानक जवाबी हमले के लिए तैयार रहते हैं. ये शहर ईरान की ‘सर्वाइवल स्ट्रैटेजी’ का हिस्सा हैं और युद्ध की स्थिति में बहुत खतरनाक साबित हो सकते हैं.</p>
<h2 style="text-align: justify;"><strong>टोरपीडो और पनडुब्बी हथियार तकनीक</strong></h2>
<p style="text-align: justify;">ईरान ने खुद की पनडुब्बियां और सुपरकविटेटिंग टोरपीडो विकसित किए हैं जिनका उपयोग जलसीमा में दुश्मन के जहाज़ों और सबमरीन को खत्म करने के लिए किया जा सकता है. ये टोरपीडो बेहद तेज़ गति से चलते हैं और रडार से बच निकलते हैं. स्ट्रेट ऑफ हॉर्मुज़ जैसे रणनीतिक क्षेत्र में इनका इस्तेमाल वैश्विक तेल आपूर्ति को भी प्रभावित कर सकता है.</p>
<h2 style="text-align: justify;"><strong>साइबर युद्ध क्षमता (Cyber Warfare)</strong></h2>
<p style="text-align: justify;">ईरान की हथियार शक्ति केवल भौतिक नहीं है बल्कि उसने साइबर हमलों में भी अपनी पैठ बनाई है. ‘स्टक्सनेट’ वायरस के ज़रिए परमाणु कार्यक्रम पर हुए हमले के बाद, ईरान ने साइबर रक्षात्मक और आक्रामक क्षमता को तेज़ी से बढ़ाया है. अब यह अमेरिका, इजराइल और यूरोपीय देशों के नेटवर्क्स पर हमले करने में सक्षम माना जाता है.</p>
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ईरान की वो पांच वेपन तकनीकें जो दुनियाभर को कर सकती हैं तबाह!
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