Google Maps को टक्कर देगा ये नया ऐप! 3D नेविगेशन के साथ मिलती है दमदार प्राइवेसी, जानिए कैसे करता है काम

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<p style="text-align: justify;"><strong>Mappls:</strong> भारत में विकसित Mappls ऐप जिसे MapmyIndia ने तैयार किया है अब देशभर में तेजी से लोकप्रिय हो रहा है. यह ऐप वॉइस गाइडेड नेविगेशन, रियल-टाइम ट्रैफिक अपडेट और हाइपर-लोकल सर्च जैसी सुविधाएं देता है जो इसे Google Maps का मजबूत भारतीय विकल्प बनाती हैं. केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने हाल ही में खुद इस ऐप का इस्तेमाल करते हुए एक वीडियो साझा किया और इसे भारतीय यूज़र्स के लिए ज़रूर आज़माने लायक बताया. सरकार की यह पहल डिजिटल आत्मनिर्भरता (Digital Self-Reliance) को बढ़ावा देने की दिशा में एक बड़ा कदम मानी जा रही है.</p>
<h2 style="text-align: justify;">3D जंक्शन व्यू से मिलेगा सटीक रास्ता</h2>
<p style="text-align: justify;">Mappls का सबसे खास फीचर है इसका 3D जंक्शन व्यू जो यूज़र्स को फ्लाईओवर, अंडरपास और कॉम्प्लेक्स रोड स्ट्रक्चर को रियल व्यू में दिखाता है. इससे रास्ता भटकने या दुर्घटनाओं की संभावना कम होती है. यह फीचर खासकर उस समय चर्चा में आया जब उत्तर प्रदेश में 2024 में एक हादसे में तीन लोगों की मौत हो गई थी क्योंकि नेविगेशन ऐप ने उन्हें अधूरे पुल की ओर भेज दिया था.</p>
<p style="text-align: justify;">Mappls का यह अपडेटेड सिस्टम ऐसे खतरों से बचाने में मदद करेगा. साथ ही ऐप इनडोर नेविगेशन की सुविधा भी देता है जिससे मल्टी-स्टोरी बिल्डिंग या मॉल में रास्ता ढूंढना आसान हो जाता है जो अब तक अधिकांश इंटरनेशनल मैप प्लेटफॉर्म्स में नहीं है.</p>
<h2 style="text-align: justify;">प्राइवेसी का पूरा ध्यान</h2>
<p style="text-align: justify;">Mappls की सबसे बड़ी ताकत है डेटा सुरक्षा. अन्य ग्लोबल ऐप्स की तरह यह यूज़र डेटा को विदेशों में नहीं भेजता बल्कि सारी जानकारी भारत में ही सुरक्षित रखता है. इससे डेटा लीक या निगरानी जैसी चिंताओं से बचाव होता है. केंद्रीय मंत्री ने यह भी बताया कि भारतीय रेल के साथ जल्द ही Mappls इंटीग्रेशन के लिए समझौता (MoU) किया जाएगा जिससे रेलवे स्टेशनों और रूट्स की नेविगेशन और बेहतर होगी.</p>
<h2 style="text-align: justify;">DIGIPIN</h2>
<p style="text-align: justify;">MapmyIndia ने इंडिया पोस्ट, IIT हैदराबाद और ISRO के NRSC के साथ मिलकर एक नया डिजिटल एड्रेस सिस्टम बनाया है DIGIPIN. इस सिस्टम के तहत भारत के हर 3.8 मीटर वर्ग क्षेत्र को एक यूनिक डिजिटल कोड दिया जाएगा. यूज़र बस मैप पर पिन लगाकर अपना डिजिटल एड्रेस जनरेट कर सकते हैं. इससे घर, फ्लोर या बिल्डिंग की सटीक लोकेशन बताना बेहद आसान हो जाएगा, खासकर ग्रामीण इलाकों में.</p>
<h2 style="text-align: justify;">स्वदेशी टेक मिशन को नई रफ्तार</h2>
<p style="text-align: justify;">Mappls का आगमन भारत में बढ़ते स्वदेशी टेक मूवमेंट को और मजबूत बना रहा है. इससे पहले Zoho की चैट ऐप Arattai को भी भारतीय विकल्प के रूप में सराहा गया था. डेटा प्राइवेसी और भारतीय सर्वरों पर निर्भरता जैसे फीचर्स के साथ Mappls अब Google Maps का देसी जवाब बन चुका है. सरकार के सहयोग और यूज़र्स की बढ़ती रुचि से यह ऐप भारत को डिजिटल आत्मनिर्भरता की दिशा में एक नया रास्ता दिखा रहा है.</p>
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